बुधवार, 16 दिसंबर 2020

किसान आंदोलन के समर्थन में बाबा राम सिंह ने की खुदकुशी

मौके पर मिले सुसाइड नोट में लिखा- यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में करनाल स्थित गुरुद्वारा के ग्रंथी बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली है। उन्होंने पंजाबी भाषा में एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें उन्होंने लिखा है- यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है। 

बाबा राम सिंह 65 साल के थे। वह करनाल के सिंघरा गांव के रहने वाले थे और स्थानीय गुरुद्वारा साहिब नानकसर के ग्रंथी थे। वह बुधवार को किसानों के साथ कार से कोंडली बॉर्डर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने कोंडली बॉर्डर पर खुद को गोली मारी। लोग उन्हें लेकर पानीपत के पॉर्क अस्पताल पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि लोग उनका शव करनाल ले गए हैं। बाबा राम सिंह के साथी गुरमीत ने बताया, "उन्होंने मुझसे कहा था कि तुम स्टेज पर जाकर अरदास करो। मैं अरदास करने मंच पर गया और कार का चालक चाय पीने के लिए चला गया। इसी दौरान उन्होंने खुद को गोली मार ली।

बाबा राम सिंह का सुसाइड नोट

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बाबा राम सिंह की खुदकुशी पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है, "दिल बहुत दुखी है, आप को ये बताते हुए कि संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा को देखते हुए आत्महत्या कर ली। इस आंदोलन ने पूरे देश की आत्मा झकझोर कर रख दी है। मेरी वाहेगुरु से अरदास है कि उनकी आत्मा को शांति मिले"। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you for comment