शनिवार, 19 दिसंबर 2020

मोदी सरकार ने IB में OBC और ST की सीटों पर डाला डाका, OBC को 123 पदों और ST को 29 पदों का नुकसान

पूर्व भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाली केंद्रीय खुफिया विभाग (IB) में असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) के पदों पर SC-ST-OBC को केवल 45 फीसदी पदों पर ही दिया आरक्षण। वर्ष 2016 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समूह ग और घ की नौकरियों से साक्षात्कार खत्म करने के ऐलान के बाद भी केंद्रीय खुफिया विभाग की समूह 'ग' के पदों की भर्ती प्रक्रिया में 100 अंक का साक्षात्कार शामिल। 

reported by Shiv Das Prajapati

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नीत भाजपा की अगुआई वाली मोदी सरकार द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भारत सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले पूर्व भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एससी, एसटी और ओबीसी के संवैधानिक आरक्षण को 49.5 प्रतिशत की जगह 45 फीसदी तक सीमित कर दिया है। इससे केंद्रीय खुफिया विभाग (IB) में विज्ञापित असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) पद पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 123 पदों और अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) को 29 पदों का नुकसान हुआ है।  इतना ही नहीं, समूह 'ग' वाली नौकरी की भर्ती प्रक्रिया में 100 अंक का साक्षात्कार रखकर अनारक्षित वर्ग के 989 पदों पर अधिक से अधिक सवर्णों को भर्ती करने का रास्ता साफ कर लिया गया है।  


भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिकारिक वेबसाइट पर शुक्रवार को केंद्रीय खुफिया विभाग (IB) में असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) के 2000 पदों पर भर्ती की अधिसूचना प्रकाशित की गई है। इन पदों पर भर्ती के लिए आज से आवेदन शुरू भी हो गया है। 


अधिसूचना में एससी, एसटी और ओबीसी के अलावा ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत सवर्णों को भी आरक्षण दिया गया है। अगर वर्गवार आबंटित सीटों पर गौर करें तो असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) के विज्ञापित 2000 पदों पर एससी, एसटी, ओबीसी को भारतीय संविधान में प्रदत्त 49.5 प्रतिशत आरक्षण की जगह केवल 44.90 प्रतिशत पदों पर ही उन्हें आरक्षण दिया गया है। इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 123 पदों और अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) को 29 पदों का नुकसान हुआ है।

भारतीय संविधान के तहत निर्मित विभिन्न कानूनों और उसके प्रावधानों के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को केंद्र सरकार की नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण मिला हुआ है। इस तरह केंद्रीय खुफिया विभाग में असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) के विज्ञापित 2000 पदों में से 540 पद ओबीसी के लिए आरक्षित होने चाहिए थे लेकिन मोदी सरकार ने उनके लिए महज 417 पद ही आरक्षित किए हैं जो विज्ञापित कुल पदों का 20.85 प्रतिशत ही है। इस तरह अन्य पिछड़ा वर्ग को कुल 123 पदों का नुकसान हुआ है। 

इसी तरह अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) के संवैधानिक अधिकारों पर भी डाका डाला गया है। भारतीय संविधान के तहत एसटी वर्ग को केंद्र सरकार की नौकरियों में उनकी आबादी के अऩुपात में आरक्षण देने का प्रावधान है। इसके तहत एसटी वर्ग को केंद्र सरकार की नौकरियों में 7.5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद केंद्रीय खुफिया विभाग में असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) के विज्ञापित 2000 पदों में से उनके लिए केवल 121 पद ही आरक्षित किए गए हैं जो विज्ञापित कुल पदों का महज 6.05 प्रतिशत ही है। इससे समाज के सबसे नीचले पायदान पर जीने वाले एसटी वर्ग को कुल 29 पदों का नुकसान हुआ है। कानून के तहत उनके लिए कम से कम 150 पद आरक्षित होने चाहिए थे। 

अगर भारतीय संविधान के तहत बने विभिन्न कानूनों के प्रावधानों और उनके तहत लागू अनारक्षित वर्ग की सीटों की बात करें तो असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) के विज्ञापित कुल 2000 पदों में से 110 पद अनारक्षित वर्ग और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आबंटित होने चाहिए थे लेकिन इनके लिए कुल 1102 पद आरक्षित कर दिए गए हैं। यह उनके लिए निर्धारित 110 पदों से 92 पद ज्यादा है। 

वहीं अनुसूचित जाति वर्ग (SC) की सीटों की बात करें तो मोदी सरकार ने उन्हें कुल 18 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया है जो उनके लिए निर्धारित 15 प्रतिशत आरक्षण से तीन प्रतिशत ज्यादा है। इस तरह उन्हें असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) के विज्ञापित कुल 2000 पदों में 60 पदों का लाभ हुआ है। नियमानुसार उनके लिए कुल 300 पद निर्धारित होने चाहिए थे लेकिन 360 पद निर्धारित किए गए हैं। 

इतना ही नहीं, पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अगुआई वाले केंद्रीय गृह विभाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस ऐलान को मानने से साफ कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि समूह ग और घ की नौकरियों की भर्ती में भ्रष्टाचार और पक्षपात रोकने के लिए साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2016 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में समूह ग और घ की नौकरियों से साक्षात्कार खत्म करने के ऐलान किया था। इसके बावजूद केंद्रीय खुफिया विभाग ने समूह 'ग' वाले असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) पदों की भर्ती प्रक्रिया में 100 अंकों का साक्षात्कार रखा है। 



1 टिप्पणी:

  1. दिव्यांग जनों की सीट शून्य है

    रोजी रोटी काम दीजिए, दिव्यांग तब नाम दीजिए।

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