रविवार, 31 जनवरी 2021

किसान आंदोलन को कवर कर रहे दो पत्रकारों को दिल्ली पुलिस ने उठाया, CPJ ने जारी किया अलर्ट

कारवां और जनपथ के लिए बतौर स्वतंत्र पत्रकार काम कर रहे मंदीप पुनिया पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की एफआईआर दर्ज लेकिन उनकी लोकेशन का पता नहीं। ऑनलाइन न्यूज इंडिया के पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को भी दिल्ली पुलिस ने लिया हिरासत में। 

वनांचल एक्सप्रसे ब्यूरो

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली केंद्र सरकार के नये तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लगातार कवर कर रहे दो पत्रकारों को दिल्ली पुलिस ने शनिवार की शाम को उठा लिया। खबर लिखे जाने तक उनकी लोकेशन का पता नहीं चल पाया था। पत्रकारों को उठाए जाने के बाबत अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसी 'कमेटी टु प्रोटेक्‍ट जर्नलिस्‍ट्स (सीपीजे)' ने शनिवार की देर रात अलर्ट जारी किया। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल, ओम थानवी समेत संयुक्त किसान मोर्चा ने जल्द से जल्द पत्रकार मंदीप पुनिया को रिहा करने की मांग दिल्ली पुलिस से की है। 

खबरों के मुताबिक पत्रकार मंदीप पुनिया के खिलाफ उत्तरी दिल्ली के अलीपुर थाने में आईपीसी की धारा-186, 332 और 353 के तहत एफआईआर (संख्या-52/2021) दर्ज की गई है जिसमें उनपर पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। 

दिल्ली पुलिस ने पत्रकार मंदीप पुनिया के खिलाफ यह कार्रवाई उनके उस फेसबुक लाइव के बाद किया है जिसमें उन्होंने भाजपा नेता और गायक मनोज तिवारी के करीबी भाजपा नेता प्रदीप खत्री ठोलेदार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी अमन डबास द्वारा सिंधु बॉर्डर पर धरनारत किसानों पर हमला करने का चेहरा बेनकाब किया था। प्रदीप भाजपा के किसान मोर्चा संगठन का पदाधिकारी भी है। दिल्ली के बहुत से पत्रकार गिरफ्तार मंदीप पुनिया का पता करने अलीपुर थाना गए थे लेकिन वे वहां हिरासत में नहीं मिले। 


पत्रकार मंदीप पुनिया हरियाणा के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। वह गांव में खेती करते हैं और घूम-घूम कर कारवां और जनपथ जैसे मीडिया प्लेटफॉर्मों के लिए स्वतंत्र रूप से रिपोर्टिंग करते हैं। मंदीप पुनिया ने लंबे समय तक मीडिया विजिल के लिए भी रिपोर्टिंग किया था। इन दिनों वे किसान आंदोलन को शुरू से ही कवर कर रहे थे। 

वहीं,  लाइव न्यूज इंडिया के पत्रकार धमेंद्र सिंह को भी दिल्ली पुलिस ने शनिवार को उठाया था। देर रात तक उनका भी पता नहीं चल पाया था। खबरों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने आज सुबह करीब 5 बजे उन्हें छोड़ दिया लेकिन हिदायत दी है कि भविष्य में वे ऐसा नहीं करेंगे। 

बताया जा रहा है कि शनिवार शाम सात बजे के आसपास दोनों पत्रकारों को सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने के पास एक बैरिकेड से उठाया गया था। मनदीप पुनिया को उठाए जाने और पुलिस के द्वारा ज्‍यादती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं, न्‍यूज़लॉन्‍ड्री की पत्रकार निधि सुरेश ने बताया कि प्रत्‍यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों पत्रकारों को पुलिस ने मारा-पीटा और उन्‍हें अलीपुर थाने लेकर गयी। उसके बाद से दोनों का कोई अता-पता नहीं है। 

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने मनदीप की गिरफ्तारी पर औपचारिक बयान जारी करते हुए रिहा करने की मांग की है। मोर्चा ने अपनी नियमित बुलेटिन में लिखा है, "पुलिस अमानवीय ढंग से प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों को धरना स्थलों से गिरफ्तार कर रही है। हम सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। हम उन पत्रकारों पर पुलिस के हमलों की भी निंदा करते हैं जो लगातार किसानों के विरोध को कवर कर रहे हैं। 

इस मामले में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करेंः 

(जनपथ से इनपुट के साथ) 

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