मंगलवार, 4 अगस्त 2020

मैनपुरी हत्याकांडः रक्षाबंधन पर कुम्हारों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, कल मनाएंगे 'काला दिवस'

खरपरी गांव के माधोनगर मोहल्ले में तीन बेटियों संग पांच लोगों को जिंदा फूंक दिए जाने पर सत्ताधारी योगी सरकार एवं विपक्ष की भूमिका पर कुम्हारों ने उठाया सवाल। पीड़ित परिवार के लिए मांगा 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता एवं सेकंड क्लास की नौकरी। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

मैनपुरी के खरपरी गांव स्थित माधोनगर मोहल्ले में गत 17-18 जून की रात कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंक दिए जाने के मामले में कुम्हारों का विरोध धमने का नाम नहीं ले रहा है। रक्षाबंधन के मौके पर कुम्हारों ने काली पट्टी बांधकर कुम्हार समुदाय के लोगों के साथ हो रही उत्पीड़न की घटनाओं का विरोध किया। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी भाजपा सरकार समेत विपक्षी पार्टियों पर कुम्हार समुदाय के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। कुम्हारों ने मैनपुरी हत्याकांड के आरोपी ठाकुर समुदाय के संजय टायसन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजने की मांग की। उन्होंने पीड़ित परिवार के जिंदा बचे सदस्यों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और सेकंड क्लास की सरकारी नौकरी की मांग भी की। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत पूर्वांचल में कुम्हार समुदाय के विकास पर कार्य कर रहे प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) प्रमुख छेदी प्रसाद प्रजापति 'निराला' के परिवार ने रक्षाबंधन पर काली पट्टी बांधकर मैनपुरी हत्याकांड में सत्ताधारी भाजपा सरकार और विपक्षी पार्टियों की निरंकुशता के खिलाफ विरोध जताया। 

पीएस4 प्रमुख छेदी प्रसाद प्रजापति 'निराला' एवं उनका परिवार

उन्होंने 'वनांचल एक्सप्रेस' से फोन पर बात करते हुए कहा कि मैनपुरी में कुम्हार समुदाय के पांच लोगों को जिंदा फूंक दिया गया लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सत्ताधारी भाजपा और अपना दल (सोनेलाल) समेत विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों की जुबान से संवेदना के एक शब्द नहीं निकले। प्रदेश की योगी सरकार एक ब्राह्मण की हत्या होने पर 50 लाख रुपये का मुआवजा और पीड़ित परिवार को 'ए' क्लास की नौकरी देती है लेकिन कुम्हार परिवार के 5 सदस्यों की मौत पर उसकी जेब से फूटी कौड़ी तक नहीं निकला। प्रदेश में आए दिन कुम्हारों पर हमला हो रहा है लेकिन भाजपा की योगी सरकार हमलावरों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही। मैनपुरी हत्याकांड में पीड़िता ने ठाकुर बिरादरी के संजय टायसन का नाम भी लिया लेकिन आज तक उसके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। उल्टे पीड़ित परिवार के जिंदा बचे सदस्यों को जान से मारने की धमकी देकर उनसे एफिडेविट पर जबरन हस्ताक्षर करवाया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब परिवार गांव छोड़ने को मजबूर हो गया है। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।

प्रयागराज के कोरांव क्षेत्र में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करते राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी (पी.) के कार्यकर्ता

वहीं, प्रयागराज के कोरांव विधानसभा क्षेत्र में  राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी (पी.) के कार्यकर्ताओं ने रक्षाबंधन पर काली पट्टी बांधकर सामुहिक रूप से मैनपुरी हत्याकांड समेत दलित-ओबीसी समाज पर लगातार हो रहे हमले के खिलाफ विरोध जताया। पार्टी के अनुसूचित जाति युवा मोर्चा के जिला सचिव विनय कुमार के निर्देश पर कार्यकर्ताओं ने अवेध जैसल की अगुआई में काली पट्टी बांधकर रक्षाबंधन का बहिष्कार किया। भागीदारी आंदोलन मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जग नारायण ने यह जानकारी दी।
 

वाराणसी में बिहार प्रशासन के पूर्व एडीएम राम नयन प्रजापति ने रक्षाबंधन परिवार संग काली पट्टी बांधकर मैनपुरी हत्याकांड समेत कुम्हारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ विरोध जताया। उन्होंने फेसबुक पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, "मैनपुरी में एक ही परिवार के पांच व्यक्तियों को जला कर मार देने, पुलिस प्रशासन द्वारा सभी अपराधियों के विरुद्ध FIR दर्ज नहीं करने और योगी सरकार द्वारा परिवार के आश्रित को नौकरी एवं मुआवजा नहीं देने के विरोध में रक्षाबंधन के अवसर पर मेरा परिवार काली पट्टी बांध कर विरोध जताता है।" साथ ही उन्होंने आगामी 5 अगस्त को विरोध दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है। 

राम नयन प्रजापति एवं उनकी पत्नी काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए

लोकप्रिय समाज पार्टी ने भी मैनपुरी हत्याकांड समेत कुम्हारों पर हो रहे हमलों के विरोध में रक्षाबंधन का बहिष्कार किया। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगला प्रसाद प्रजापति ने परिवार संग काली पट्टी बांधकर कुम्हार समुदाय के खिलाफ हो रही घटनाओं का विरोध किया। फेसबुक पर फोटो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, "मैनपुरी प्रजापति परिवार को जिन्दा जलाने के विरोध में रक्षा बंधन का बहिष्कार। पक्ष विपक्ष की नीति नियत से अन्याय...अत्याचार के शिकार हो रहे प्रजापति"। 

लोकप्रिय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगला प्रसाद प्रजापति काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए

उन्होंने 5 अगस्त को काला दिवस मनाने की सूचना देते हुए लिखा है, "प्रजापति समाज के उन सभी भाई- बहनों का धन्यवाद करते हैं जिन्होने मैनपुरी के दो बहनों सहित पांच लोगों को जिन्दा जलाने के विरोध मे रक्षा बंधन का वहिष्कार किया। प्रजापति समाज न्याय की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्पति तक अपनी बात रखी। 5 अगस्त २०२० को प्रजापति एकीकरण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुम्हार महासंघ के आह्वान पर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश का प्रजापति समाज जघन्य अपराधिक घटना के विरोध में 'काला दिवस' मनाने का निश्चय किया है।" 


उन्होंने आगे लिखा है, "पूरी व्यवस्था ही ध्वस्त हो चुकी है। सरकार और विपक्ष इस विभत्स नरसंहार और अमानवीय कुकृत्य को बढ़ावा देने के लिए मौन साधना पर है जहां नेता जाति के आधार पर मुंह खुलते हैं। देश की व्यवस्था भले ही मैनपुरी हत्याकांड का संज्ञान न ले लेकिन प्रजापति समाज इस सारे खेल को बखूबी समझ रहा है।"


प्रजापति अंतर-विश्वविद्यालय छात्र (PIUS) समूह ने 5 अगस्त को काला दिवस को समर्थन देते हुए ट्विटर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। समूह के सदस्य डॉ. धर्मराज प्रजापति, अच्छेलाल प्रजापति, अमित कुमार प्रजापति, विश्वंभर नाथ प्रजापति आदि ने इससे संबंधित सूचनाएं सोशल मीडिया पर साझा की हैं। 


बता दें कि माधोनगर खरपरी गांव निवासी राम बहादुर प्रजापति गत 17-18 जून की रात परिवार के साथ घर में सो रहे थे। आरोप है कि गांव के मुरारी कश्यप ने पुरानी रंजिश की वजह से बाहर से दरवाजे की कुंडी बंद कर घर में आग लगा दी थी। इससे राम बहादुर प्रजापति, उनकी पत्नी सरला देवी, उनकी बेटी संध्या प्रजापति उर्फ रोली ((18 वर्ष) और शिखा प्रजापति (14 वर्ष) समेत उनका दो वर्षीय नाती ऋषि गंभीर रूप से झुलस गए। ऋषि की घटना के दिन (18 जून) ही मौत हो गई। अन्य लोगों को गंभीर रूप में सैफई स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 


वहां गत 21 जून को राम बहादुर प्रजापति ने भी दम तोड़ दिया। दो दिन बाद 23 जून को उनकी पत्नी सरला देवी की मौत भी हो गई। मरने से पहले रिकॉर्ड किया गया सरला देवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें वह घटना के बारे में बताने की कोशिश कर रही थीं। उनकी बेटी रौली और शिखा का इलाज सैफई के मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। सोशल मीडिया पर शिखा का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें वह घर में आग लगाने वाले मुरारी, गौरव और संजय का नाम ले रही थी। हालांकि आरोपी दूसरे व्यक्ति का नाम गौरव ही है, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा था।

 

गत 2 जुलाई को शिखा ने भी सैफई मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। कुछ दिनों बाद संध्या प्रजापति उर्फ रोली ने भी सैफई स्थित पीजीआई मेडिलल कॉलेज में दम तोड़ दिया। इस तरह इस घटना में जले परिवार के सभी पांच सदस्यों की मौत हो गई। अब राम बहादुर प्रजापति के परिवार में उनका 22 वर्षीय बेरोजगार बेटा मोहित प्रजापति, उसकी पत्नी मिथिलेश प्रजापति और उनकी एक आठ माह की बच्ची जिंदा बचे हैं। 

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2 टिप्‍पणियां:

  1. आपका आभार व धन्यवाद आदरणीय आप ने अपने समाचार पत्र मे मैनपुरी प्रजापति अग्नि हत्याकांड मे मारे गये प्रजापति परिवार को न्याय दिलाने हेतू खबर को स्थान दिया ।।

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