शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

मैनपुरी हत्याकांडः कुम्हारों के विरोध से दबाव में आई योगी सरकार, डेढ़ महीने बाद मुख्यमंत्री कोष से पीड़ित परिवार को मिले 5 लाख

कुम्हार संगठनों ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर लगाया जातिगत भेदभाव का आरोप।  कहा- ब्राह्मण की मौत पर 10 से 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी लेकिन पांच कुम्हारों की मौत पर केवल पांच लाख। कुम्हार संगठनों ने न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रखने की दी चेतावनी। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

योध्या में विवादित राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के मौके पर कुम्हारों के विरोध-प्रदर्शनों से डरी योगी सरकार ने घटना के डेढ़ महीने बाद बृहस्पतिवार को मैनपुरी हत्याकांड के पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री कोष से 5 लाख रुपए देकर मामला शांत करने की कोशिश की। हालांकि कुम्हार संगठनों ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जाति आधार पर भेद-भाव का आरोप लगाकर न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। 

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति बृहस्पतिवार को मैनपुरी के खरपरी गांव स्थित माधोनगर निवासी राम बहादुर प्रजापति के घर पहुंचे। वहां उन्होंने उनके बेटे मोहित प्रजापति को मुख्यमंत्री कोष से कुल 5 लाख रुपये के दो चेक दिए। इनमें एक दो लाख रुपए का था और दूसरा तीन लाख रुपए का। इस दौरान मैनपुरी के जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह, एसपी अजय कुमार पांडेय, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान भी मौजूद  रहे। 
मैनपुरी के खरपरी में मोहित प्रजापति को चेक भेंट करते उ.प्र.मा.क.बो. के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति

मोहित प्रजापति ने भी 'वनांचल एक्सप्रेस' से फोन पर हुई बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की ओर से कुल पांच लाख रुपए के दो चेक मिलने की पुष्टि की। मामले में आरोपी संजय सिंह चौहान उर्फ संजय टायसन के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाबत पूछे जाने पर मोहित प्रजापति ने कहा कि पुलिस अभी भी मामले की जांच करने की बात कह रही है।

उधर, योगी सरकार की ओर से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलने की खबर लगते ही कुम्हार संगठनों के नेताओं ने भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार पर जाति आधार पर भेदभाव का आरोप लगाकर हमला बोल दिया और अपनी मांगे पूरी होने तक आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दी।
 
प्रजापति अंतर विश्वविद्यालय छात्र (PIUS) समूह ने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है, "ब्राह्मण की हत्या पर 50 लाख का मुआवजा और समूह क की सरकारी नौकरी। कुम्हार परिवार के 5 सदस्यों की मौत पर प्रति व्यक्ति एक लाख रुपए। जातिवादी सरकार शर्म करो। मैनपुरी हत्याकांड के पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और समूह ख की सरकारी नौकरी दो। संजय टायसन को गिरफ्तार करो।"
प्रजापति अंतर विश्वविद्यालय छात्र समूह (PIUS) के ट्विट का स्क्रीनशॉट

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) प्रमुख छेदी प्रसाद निराला ने भी योगी सरकार पर जाति आधार पर कुम्हार समुदाय के लोगों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने 'वनांचल एक्सप्रेस' से कहा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक तिवारी की मौत पर 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया और उनकी पत्नी को समूह क की नौकरी दी। ब्राह्मण पत्रकार की मौत पर तुरंत 10 लाख रुपये के आर्थिक मदद की घोषणा की। लेकिन, मैनपुरी में कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंक दिया गया लेकिन उनके मुख से संवेदना के एक शब्द नहीं निकले। ठाकुर समुदाय के आरोपी की आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई। हम लोगों को न्याय के लिए सड़कों पर आना पड़ा। तब डेढ़ महीने बाद वे पीड़ित परिवार के प्रति व्यक्ति एक लाख रुपये की दर से मुआवजा दे रहे हैं। यह जाति आधार पर भेदभाव नहीं है तो क्या है? मुख्यमंत्री से 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, पीड़ित परिवार के लड़के मोहित प्रजापति को सेकंड क्लास की सरकारी नौकरी, आरोपी ठाकुर संजय सिंह चौहान उर्फ संजय टायसन की गिरफ्तारी और मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई थी लेकिन उन्होंने इनमें से एक भी मांग पूरी नहीं की। मैनपुरी हत्याकांड के पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक पीएस4 अपना आंदोलन जारी रखेगा। ' 

भारतीय प्रजापति महासंघ एकीकरण महाअभियान भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल प्रजापति ने भी डेढ़ महीने बाद योगी सरकार की आर्थिक सहायता पर हैरत जताई है। उन्होंने कहा कि यह पीड़ित परिवार के लिए काफी नहीं है। पीड़ित परिवार को कम से कम 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी मिलने चाहिए। साथ ही कुम्हार समुदाय के लोगों पर हमला करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। 

भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश संयोजक केडी सिंह प्रजापति ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता पर उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति को आड़े-हाथों लिया। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि मैनपुरी हत्याकांड में कुम्हार समाज के सम्मान की कीमत बस 5 लाख। समाज को बेचने वाले को समाज माफ नहीं करेगा। 5 लाख में मैनपुरी हत्याकांड का नहीं, उत्तर प्रदेश के 3.78 प्रतिशत कुम्हारों का सौदा? उन्होंने भी योगी सरकार पर जाति भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा है, एक  पत्रकार पर गोली चलती है तो योगी जी अगले दिन 10 लाख की घोषणा और नौकरी देते हैं क्योंकि वह कुम्हार नहीं था।

गौरतलब है कि मैनपुरी हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के कुम्हारों ने काली पट्टी बांधकर रक्षाबंधन का बहिष्कार किया था और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के मौके पर गत 5 अगस्त को विरोध प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया था। प्रजापति अंतर विश्वविद्यालय छात्र (PIUS) समूह ने 5 अगस्त को मैनपुरी हत्याकांड को लेकर ट्विटर पर #5AugustBlackDayForKumhars और #मंदिर_नहीं_न्याय_चाहिए हैश टैग चलाया था। 

बता दें कि माधोनगर खरपरी गांव निवासी राम बहादुर प्रजापति गत 17-18 जून की रात परिवार के साथ घर में सो रहे थे। आरोप है कि गांव के मुरारी कश्यप ने पुरानी रंजिश की वजह से बाहर से दरवाजे की कुंडी बंद कर घर में आग लगा दी थी। इससे राम बहादुर प्रजापति, उनकी पत्नी सरला देवी, उनकी बेटी संध्या प्रजापति उर्फ रोली ((18 वर्ष) और शिखा प्रजापति (14 वर्ष) समेत उनका दो वर्षीय नाती ऋषि गंभीर रूप से झुलस गए। ऋषि की घटना के दिन (18 जून) ही मौत हो गई। अन्य लोगों को गंभीर रूप में सैफई स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 

वहां गत 21 जून को राम बहादुर प्रजापति ने भी दम तोड़ दिया। दो दिन बाद 23 जून को उनकी पत्नी सरला देवी की मौत भी हो गई। मरने से पहले रिकॉर्ड किया गया सरला देवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें वह घटना के बारे में बताने की कोशिश कर रही थीं। उनकी बेटी रौली और शिखा का इलाज सैफई के मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। सोशल मीडिया पर शिखा का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें वह घर में आग लगाने वाले मुरारी, गौरव और संजय का नाम ले रही थी। हालांकि आरोपी दूसरे व्यक्ति का नाम गौरव ही है, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा था।

गत 2 जुलाई को शिखा ने भी सैफई मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। कुछ दिनों बाद संध्या प्रजापति उर्फ रोली ने भी सैफई स्थित पीजीआई मेडिलल कॉलेज में दम तोड़ दिया। इस तरह इस घटना में जले परिवार के सभी पांच सदस्यों की मौत हो गई। अब राम बहादुर प्रजापति के परिवार में उनका 22 वर्षीय बेरोजगार बेटा मोहित प्रजापति, उसकी पत्नी मिथिलेश प्रजापति और उनकी एक आठ माह की बच्ची जिंदा बचे हैं। 

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