"साले हरामखोर महाराष्ट्र के निचली जाति के दलित साले चमारन आ रहे… औकात में रहो, बोले, वरना तुमको मार डालूंगा। सबके सामने बोले… मुझे सौ बार बोला उन्होंने तुम्हारी औकात ही नहीं है प्रोफेसर की… चार साले झाड़ू लगाओगे।”
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
एक बार फिर गलत कारणों से सुर्खियों में है। बीएचयू के कला संकाय के डीन, पत्रकारिता
विभाग के प्रभारी और हिंदी के वरिष्ठ अध्यापक डॉ. कुमार पंकज के खिलाफ़ शनिवार
की दोपहर बनारस के लंका थाने में एक एफआइआर दर्ज हुई है। एफआइआर पत्रकारिता विभाग
की रीडर डॉ. शोभना नर्लिकर ने करवायी है जो बीते 15 साल से यहां पढ़ा रही हैं।
मामला आइपीसी की धारा 504,
506 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण)
अधिनियम, 1989 की धारा 3(1)(डी) के तहत दर्ज किया गया है। डॉ. नर्लिकर का आरोप है कि
डॉ. कुमार पंकज ने उनके साथ अपशब्दों का इस्तेमाल किया है, जातिसूचक
गालियां दी हैं और जान से मारने की धमकी दी है।