गुरुवार, 3 नवंबर 2016

फाइबर, पन्नी और थर्माकोल के सामानों पर रोक के लिए कुम्हारों ने भरी हुंकार

रेल सहित सभी सरकारी विभागों में मिट्टी के बर्तन की खरीद का कोटा तय करने की मांग की। 
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। फाइबर, पन्नी और थर्माकोल के सामानों से पैदा हो रही बेरोजगारी और वातावरण में फैल रहे प्रदूषण से नाराज पूर्वांचल के सैकड़ों कुम्हारों और दोना पत्तल के कर्मकारों ने बृहस्पतिवार को शास्त्री घाट पर प्रदर्शन किया और सरकार से इन्हें पूरी तरह प्रतिबंधित करने की मांग की।

भगत सिंह-अंबेडकर विचार मंच और केयर फॉर एयर संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कुम्हारों और कर्मकारों ने रेल सहित सभी सरकारी विभागों में मिट्टी के बर्तन की खरीद का कोटा तय करने, कुम्हारों के लिए आबंटित खनन पट्टों को अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराने, कुम्हारों को खनन पट्टा आबंटित करने, सस्ते दर पर बिजली का चाक मुहैया कराने, बिजली बिल माफ करने, कुम्हारी कला के लिए नगर निगम का लाइसेंस खत्म करने, मिट्टी के बर्तन की खरीद-बिक्री के लिए हाट-बाजार की व्यवस्था करने और दोना-पत्तल के कारोबार के लिए शुरुआती पूंजी सहित सभी सहूलियतें मुहैया कराने की मांग की। 

अध्यक्षीय सम्बोधन करते हुए प्रजापति समाज के नेता छेदीलाल निराला ने कहा कि सपा सरकार से संरक्षण प्राप्त करने वाले दबंगों ने बड़ी संख्या में कुम्हार गड्ढों पर कब्जा कर लिया है; जिसके चलते शिल्पकारों को मिट्टी तक मुहाल नहीं हो पा रही है। कुम्हार गड्ढों को कब्जा मुक्त कराने और नए गड्ढों के आबंटन की मांग करते हुए छेदीलाल निराला ने कहा कि जरूरत हुई तो प्रजापति समाज इन दबंगों के खिलाफ बड़े आंदोलन में उतरेगा।

सभा को सम्बोधित करते हुए ट्रेड यूनियन नेता एसपी राय ने कहा कि सपा, बसपा, कॉंग्रेस और भाजपा; तथाकथित विकास को मुद्दा बनाकर अगले विधानसभा चुनाव में उतरने की बात कर रही हैं। इस ‘विकास’ की जमीनी हकीकत यह है कि कॉरपोरेट घरानों का खजाना भर रहा है, जबकि जनता के हिस्से पर्यावरण की तबाही और महंगाई आ रही है। एसपी राय ने आगे कहा कि चुनावी चंदे के लिए पर्यावरण को तबाह करने वाले दलों को जनता; विधान सभा चुनाव में सबक सिखायेगी; भगत सिंह-अम्बेडकर विचार मंच जल्दी ही इसके लिए अभियान शुरू करेगा।

केयर फॉर एयर की संयोजक एकता ने दिवाली के अवसर पर वाराणसी में बढ़े प्रदूषण की मात्रा की जानकारी देते हुए मिट्टी के सामानों के उपयोग पर बल दिया। सभा का संचालन करते हुए बीएचयू के पूर्व छात्रनेता सुनील यादव ने कहा कि पन्नी पर केवल कागजी रोक है; इस रोक को सपा सरकार अमल में नहीं ला रही है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एन.जी.टी.) की ओर से थर्मोकोल के प्रदूषणकारी प्रभावों के बारे में चेतावनी जारी करने के बावजूद; सपा सरकार ने इसे उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित नहीं किया है। सुनील यादव ने आगे कहा कि चुनावी चंदे की लालच में पर्यावरण को तबाह करने वाली कम्पनियों पर लगाम नहीं लगाई जा रही है; जनता को इसका खामियाजा तरह-तरह की बीमारियों के रूप में भुगतना पड़ रहा है।

सभा के बाद प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन के जरिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इसमें पन्नी और थर्मोकोल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने, रेल सहित सभी सरकारी विभागों में मिट्टी के बर्तन की खरीद का कोटा तय करने, नगर निगम का लाइसेंस खत्म करके मिट्टी के बर्तन की खरीद-बिक्री के लिए हाट-बाजार की व्यवस्था करने और दोना-पत्तल के कारोबार के लिए शुरूआती पूंजी सहित सभी सहूलियतें उपलब्ध कराने की मांग की गई।

स्वराज अभियान के प्रदेश महासचिव रामजनम, सतीश सिंह, पर्यावरणविद वल्लभ पाण्डेय, केयर फॉर एयर के एकता और रवि शेखर, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. सोमनाथ त्रिपाठी, प्रेरणा कला मंच फादर आनंद, नंदलाल मास्टर, अरूण प्रजापति, चन्द्रबली राजभर, दलित चिंतक नन्दकिशोर, बुनकर नेता एहसान, मनरेगा यूनियन के नेता महेन्द्र सहित विभिन्न नागरिक संगठनों के लोगों ने जनसभा में शामिल होकर; कार्यक्रम के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया।  कार्यक्रम को शोभनाथ त्रिपाठी, छोटे लाल, अमरनाथ आदि ने भी संबोधित किया।

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