सोमवार, 2 जनवरी 2017

विंध्य इंडेन गैस मामले में निदेशालय ने मांगी कार्रवाई रिपोर्ट, मची खलबली

भारत सरकार के केंद्रीय सचिवालय के अधीन कार्यरत लोक शिकायत विभाग के निदेशक सजल बी. मंडल ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के निदेशक (एचआर/पीजी) वर्गीज चेरियन को लिखा पत्र।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
सोनभद्र। रॉबर्ट्सगंज नगर के सिविल लाइन रोड स्थित विंध्य इंडेन गैस सर्विस के डिस्ट्रीब्यूटरशिप में मिली गड़बड़ी को लेकर भारत सरकार के लोक शिकायत निदेशालय ने कड़ा रुख अपनाया है। निदेशालय ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के निदेशक को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया है। इससे कंपनी के अधिकारियों समेत गैस एजेंसी के संचालकों में खलबली मच गई है और वे मामले को रफा-दफा करने के लिए शिकायतकर्ताओं पर दबाव बना रहे हैं और उनसे गैस एजेंसी की सेवा से संतुष्ट होने का हस्ताक्षर कराने में जुट गए हैं।

भारत सरकार के केंद्रीय सचिवालय के अधीन काम करने वाले लोक शिकायत निदेशालय के निदेशक सजल बी. मंडल ने गत वर्ष 29 नवंबर को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के निदेशक (एचआर/पीजी) वर्गीज चेरियन को पत्र लिखकर रॉबर्ट्सगंज नगर स्थित विंध्य इंडेन गैस सर्विस के डिस्ट्रीब्यूटरशिप में मिली गड़बड़ी पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। साथ ही उन्होंने डिस्ट्रीब्यूटर से गड़बड़ी के संबंध में जवाब भी तलब किया है। सूत्रों की मानें तो लोक शिकायत निदेशालय के पत्र के बाद इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों और एजेंसी संचालकों में खलबली मच गई है। इलाहाबाद परिक्षेत्र के अधिकारियों ने पिछले दिनों एजेंसी संचालक और प्रबंधक को दफ्तर में तलब किया था। वहीं कंपनी की कार्रवाई से बचने के लिए विंध्य इंडेन गैस सर्विस के प्रबंधक कमेलश मिश्रा शिकायतकर्ताओं के पास जाकर एजेंसी की सर्विस से संतुष्ट होने के बयान पर हस्ताक्षर करवा रहे हैं। इसके लिए वे उन्हें गैस नहीं मिलने और कनेक्शन वापस लिये जाने की धमकी भी दे रहे हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन हासिल करने वाले परेशान भी हो रहे हैं। रिफीलिंग के लिए उनका मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड भी नहीं हो रहा है। इस संबंध में जब एजेंसी प्रबंधक से बात की गई तो वह सर्वर डाउन होने की बात फिर से कोशिश करने की सलाह देते रहते हैं। वहीं कॉल सेंटर बार-बार डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क करने की सलाह देता रहता है। इन हालातों में उपभोक्ताओं की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

बता दें कि विंध्य इंडेन गैस सर्विस की अवैध वसूली और एलपीजी गैस की कालाबाजारी की शिकायत शिव दास ने अपने बड़े भाई शिव नारायण के नाम आबंटित एलपीजी गैस कनेक्शन के संबंध में किया था। शिव नारायण ने एजेंसी के वाहन से एक डीबीसी एलपीजी गैस कनेक्शन लिया था जिसके एवज में कर्मचारियों ने उनसे 83,000 रुपये वसूल किये थे और उन्हें कनेक्शन के साथ दिये गए सामानों के कैश-मेमो मुहैया नहीं कराये थे। इतना ही नहीं शिव नारायण के पास प्रमाणित एलपीजी गैस चुल्हा होने के बाद भी उन्हें जबरदस्ती गैस चुल्हा और ट्रॉली दिये थे। इस बात की जानकारी होने पर उनके छोटे भाई शिव दास ने इस मामले की ऑनलाइन शिकायत इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारत सरकार के शिकायत पोर्टल पर कर दी। मामले की जांच कंपनी के उप-प्रबंधक (मार्केटिंग) एवं क्षेत्रीय विपणन अधिकारी प्रभात सिंह को मिली। उन्होंने शिकायतकर्ता से संपर्क किये बिना ही उसके संतुष्ट होने की जांच रपट उच्चाधिकारियों को दे दी और एजेंसी के प्रबंधक और कर्मचारियों को सही ठहरा दिया। साथ ही जांच रपट में गैस कनेक्शन शिव दास के नाम नहीं होने की रपट भेज दी। 

शिव दास ने प्रभात सिंह की रपट को चैलेंज कर दिया। साथ ही उन्होंने अपने बड़े भाई शिव नारायण से मामले की पैरवी के लिए खुद को अधिकृत करा लिया। इसके अलावा शिव नारायण ने इसकी लिखित शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से कर दी। इस पर कंपनी ने मामले में इलाहाबाद (द्वितीय) के उप प्रबंधक (एलपीजी-एस) राकेश कुमार और जौनपुर के उप-प्रबंधक (एलपीजी-एस) प्रशान्त कुमार की संयुक्त जांच कमेटी गठित कर दी। जांच कमेटी की रपट में शिव दास समेत 15 इंडेन उपभोक्ताओं के बयान दर्ज किये गए जो डिस्ट्रीब्यूटरशिप से संबंधित थे। अधिकतर उपभोक्ताओं ने विंध्य इंडेन गैस सर्विसेज द्वारा इंडियन ऑयल के दिशा-निर्देशों के तहत एलपीजी गैस कनेक्शन नहीं देने, नया कनेक्शन के नाम पर अवैध वसूली करने, आपूर्ति के समय सिलेंडर को नहीं तौलने, ऑनलाइन कैशमेमो जनरेट नहीं करने, कैश-मेमो रसीद नहीं देने, रिफीलिंग सिलेंडर की आपूर्ति के समय तय दर से 50 रुपये अधिक वसूले जाने और उपभोक्ताओं के नाम पर एलपीजी सिलेंडर ब्लैक करने का बयान जांच कमेटी के सदस्यों के सामने दिया। जांच कमेटी ने अपनी फैक्ट फाइडिंग रपट कंपनी और भारत सरकार के शिकायत प्रकोष्ठ को भेज दी। रपट की जांच में शिव दास के आरोप सही पाए गए और कंपनी ने विंध्य इंडेन गैस एजेंसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

कंपनी ने  22 नवंबर को तिनताली गांव निवासी शिकायतकर्ता शिव दास को पत्र लिखकर इसकी जानकारी भी दी थी। पत्र में साफ लिखा है कि शिव दास के आरोपों की जांच के लिए इलाहाबाद (द्वितीय) के उप प्रबंधक (एलपीजी-एस) राकेश कुमार और जौनपुर के उप-प्रबंधक (एलपीजी-एस) प्रशान्त कुमार की संयुक्त जांच कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने विंध्य इंडेन गैस सर्विस से जुड़े कुल 15 उपभोक्ताओं से संपर्क किया और उनकी प्रतिक्रिया ली। इनमें शिकायतकर्ता भी शामिल है। कंपनी के पदाधिकारियों द्वारा कमेटी की जांच रिपोर्ट का परीक्षण किया गया जिसमें डिस्ट्रीब्यूटरशिप में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई है। इन गड़बड़ियों के संबंध में डिस्ट्रीब्यूटर को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। उसका जवाब मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


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