बुधवार, 23 जून 2021

डॉली मौर्या प्रकरण: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने DGP से मांगा ATR, FIR के लिए अमिताभ ठाकुर ने लिखी चिट्ठी

जबरिया बर्खास्त आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उऩकी पत्नी ने वाराणसी परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक को चौथी बार लिखा पत्र। तत्काल FIR दर्ज करने और गंगा से शव निकलवाकर उसका पोस्टमॉर्टम करवाने की मांग की। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो 

वाराणसी। चंदौली जिले के बबुरी थाना क्षेत्र के अकोढ़वा गांव की किशोरी डॉली मौर्या की सोनभद्र में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। किशोरी के दादा रघुनंदन मौर्या के पत्र पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश शासन के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर मामले में एक्शन टैकेन रिपोर्ट (ATR) मांगा है। वहीं प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जबरन सेवानिवृत्त किए गए आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने वाराणसी परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक को चौथी बार पत्र लिखकर गंगा से किशोरी के शव को निकलवा कर पोस्टमॉर्टम कराने और मामले में तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की है।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण भारत सरकार के न्याय मंत्रालय का हिस्सा है। उच्चतम न्यायलय के मुख्य न्यायमूर्ति इसके संरक्षक और वरिष्ठ न्यायमूर्ति इसके कार्यकारी अध्यक्ष होते हैं। प्राधिकरण के अनुसचिव कमल सिंह ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर डॉली मौर्या प्रकरण में जल्द से जल्द कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। साथ ही उन्होंने किशोरी के दादा का वह पत्र भी उन्हें भेजा है जिसमें वे अपनी पोती के बलात्कार और हत्या का आरोप चकिया ब्लॉक प्रमुख शिवेंद्र प्रताप सिंह और गांव के अजय पाठक पर लगाते हैं। साथ ही वह मुकदमा पंजीकृत कर उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं। 

बता दें कि चकिया ब्लॉक प्रमुख शिवेंद्र प्रताप सिंह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय एवं उत्तर प्रदेश शासन के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का करीबी है। 

वहीं, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जबरन सेवानिवृत्त किए गए आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर ने मामले में वाराणसी परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक को आज चौथी बार पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने संदिग्ध परिस्थितियों में मृत डॉली मौर्या की लाश को गंगा से निकलवा कर उसका पोस्टमोर्टम करवाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने उसके दादा के प्रार्थना-पत्र पर तत्काल प्रथम सूचना रपट (एफआईआर) दर्ज करवाने की बात लिखी है। उन्होंने पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की प्रशासनिक लापरवाही पर कार्रवाई करने और किशोरी के परिवार को सुरक्षा देने की मांग भी की है। 

वनांचल एक्सप्रेस पर 'EXCLUSIVE डॉली मौर्या प्रकरणः पुलिस ने बोला झूठ!, 'साज़िश, रेप और हत्या' के मिल रहे 'सुबूत', रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी पर लगा आरोप' शीर्षक से प्रकाशित खोजी रिपोर्ट में उजागर तथ्यों के हवाले से उन्होंने पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि सोनभद्र स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय में किशोरी की संदिग्ध मौत होने और अस्पताल प्रशासन द्वारा बिना पोस्टमार्टम लाश देने की बात पहले ही सामने आ चुकी थी। 

उन्होंने आगे लिखा है, अब नए सामने आये सबूतों से यह साबित हो गया है कि गुडिया वास्तव में 12 जून की रात मधुपुर, सोनभद्र पहुंची थी तथा वहां चौरसिया रेडीमेड स्टोर के सामने बेसुध हुई थी। उसे सुकृत पुलिस चौकी के सिपाही धनंजय कुमार राय मधुपुर स्थित नया प्राथमिक केंद्र ले गए थे। जहाँ डॉ. एपी सिंह द्वारा उसका प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल रेफर किया गया था। वहां उसकी मौत हुई। 

अमिताभ और नूतन ने कहा कि धनंजय राय वाली बात सामने आने के बाद रहस्य और अधिक गहरा गया है क्योंकि सुकृत चौकी इंचार्ज तथा रॉबर्ट्सगंज इंस्पेक्टर के अनुसार उनके क्षेत्र में ऐसी कोई घटना नहीं हुई। इससे साफ है कि इस मामले में कई सरकारी कर्मियों की संलिप्तता है, जिसकी गहन जांच जरुरी है। 

उन्होंने कहा कि आज गुडिया के माता-पिता ने चंदौली में अधिकारियों के सामने उपस्थित होकर मामले में जांच तथा सत्यता सामने लाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर आशंका भी व्यक्त की है, जो बहुत जरुरी है।

वहीं, जानकारी मिली है कि मृत किशोरी के पिता कमलेश मौर्या बुधवार को अपनी पत्नी और बड़ी बेटी के साथ चंदौली के पुलिस अधीक्षक से मिले और अपने पिता और भाई पर उन्हें और उनके परिवार को फंसाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने अज्ञात ग्रामीणों पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए सुरक्षा की मांग की। पत्रकारों ने जब उनसे मृतक किशोरी की संदिग्ध मौत की जांच की मांग के संबंध में उनसे और उनकी बेटी से सवाल किया तो वे इधर-उधर देखते नज़र आए। दोनों ने एक ही जवाब दिया कि जब हमने देखा ही नहीं तो आरोप किस पर लगाएं।

बता दें कि चंदौली जिले में बबुरी थाना क्षेत्र के अकोढ़वा गांव से संदिग्ध परिस्थितियों में एक किशोरी गत 12 जून की सुबह गायब हो गई थी। उसी शाम करीब 8 बजे मधुपुर स्थित नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास वह बेसुध स्थिति में उल्टी करते हुए मिली थी। बाद में उसे पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाया गया। चिकित्सकों ने जिला संयुक्त चिकित्सालय रेफर कर दिया जहां उसकी मौत हो गई थी। 

इस मामले में अधिक जानकारी के लिए नीचे के शीर्षक पर क्लिक कर सकते हैं-

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