गुरुवार, 24 जून 2021

फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्रों पर नौकरी कर रहे आठ शिक्षक बर्खास्त, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड की जांच में कम या नहीं मिली शासन द्वारा निर्धारित दिव्यांगता। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्रों पर नौकरी कर रहे आठ शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है लेकिन इन प्रमाण-पत्रों को जारी और सत्यापन करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट के बाद शिक्षकों की बर्खास्तगी की गई है। साथ ही जिलाधिकारी ने बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। बर्खास्त शिक्षकों द्वारा वेतन के रूप में ली गई धनराशि की वसूली भी होगी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल के मुताबिक, घोरावल ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भटिहवा में तैनात अभिषेक सिंह, बैजनाथ में तैनात संतोष यादव, बिसरेखी में तैनात रामप्रसाद, लक्ष्मणपुर में तैनात रुचि राय, चतरा ब्लॉक के चरकोनवा में तैनात सुभाष चंद्र मौर्य, राबर्ट्सगंज ब्लॉक के गौरही में तैनात स्वर्णलता सिंह, महुआंव कला में तैनात प्रदीप कुमार देव पांडेय, उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात राजेश कुमार यादव को फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र पर नौकरी करने की वजह से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर 2020 को बीएचयू मेडिकल बोर्ड ने उनकी दिव्यांगता का परीक्षण किया था, जिसमें उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गत 18 मार्च को उक्त सभी के दिव्यांगता प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया था।

उन्होंने बताया कि विभाग और शासन को फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के खिलाफ शिकायत मिली थी। इसके बाद शासन ने वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की जांच के निर्देश दिए थे।

शासन ने बीएचयू में मेडिकल बोर्ड गठित कर दिव्यांग कोटा से जिले में नियुक्त शिक्षकों की जांच कराई गई थी। चिकित्सकीय परीक्षण में आठ शिक्षक पूरी तरह ठीक नहीं मिले हैं। किसी ने श्रवण बाधित तो किसी ने खुद को दृष्टि बाधित बताते हुए दिव्यांगता रिपोर्ट बनवाई थी। जांच में इनकी रिपोर्ट फर्जी मिली है। 

उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में त्रिस्तरीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने विभिन्न बिंदुओं की पड़ताल के बाद सभी आठ शिक्षकों के बर्खास्तगी की संस्तुति शासन से की थी। चिकित्सकीय परीक्षण और जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आठों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर मुकदमा दर्ज कराते हुए वेतन के रूप में लिए गए धन की रिकवरी के लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
वहीं, उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की ओर से फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र जारी करने और उनका सत्यापन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही उनके खिलाफ कोई जांच बैठाई गई है। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you for comment