गुरुवार, 10 मई 2018

SAHARANPUR MURDER: भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई की हत्या पर बिफरे BBAU के बहुजन छात्र, केंद्र और राज्य सरकार का फूंका पुतला

वनांचल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। सहारनपुर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन वालिया की हत्या के विरोध में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के बहुजन छात्रों का गुस्सा आज स्थानीय सड़कों पर फूटा। बहुजन छात्र संगठन अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन (AUDSU) के बैनर तले बहुजन छात्रों ने लखनऊ में जमकर प्रदर्शन किया और राज्य सरकार समेत केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर छात्रों ने दोनों सरकारों का पुतला भी फूंका और सचिन वालिया के लिए न्याय माँगा। 

इस दौरान छात्र आंदोलन में सक्रिय बाहरी सदस्यों ने समर्थन देते हुए सचिन वालिया के न्याय के  लिए भी आवाज बुलंद की जिसमेंं महेश कुशवाहा (बामसेफ), मनोज यादव एंव कुलदीव जनुवादी (सामजिक न्याय मोर्चा), डॉ अनूप पटेल( JNU), एडवोकेट सुधीर गौतम, एडवोकेट रूपेश कुमार, डॉ अजय कुमार (आजाद इंस्टिट्यूट, लखनऊ) और अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन के सैकङो छात्रो ने विरोध दर्ज कराते हुए न्याय मांगा है। 
AUDSU के सदस्यों ने कहा है कि 2 अप्रैल के भारत बंद के दिन से सामन्तवादी और जातिवादी ताकतों के द्वारा बहुजन एकता को डराने और भयभीत करने का जो सिलसिला सरकार के संरक्षण में किया जा रहा है, वह बहुत निंदनीय कृत्य है। सरकार के इशारे पर बहुजनों पर हो रहे अत्याचार को वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार के बहुजनों के प्रति हीन भावना और घृणा को उजागर करने वाला चेहरा है। 

देश के समस्त बहुजनों को शांति के साथ साथ कलम, तलवार, बन्दूक आदि अस्त्र शस्त्र को संग्रह करने और उनको चलाने की ट्रेनिंग भी दी जानी चाहिए। उपरोक्त वक्ताओं ने कहा है कि वर्तमान सरकार जातिवाद के दम्भ में चूर होकर लगातार प्रगतिशील बहुजनों को नोटिस करके उनके नाम की लिस्ट बनाकर उनको प्रताड़ित या उनकी हत्या की जा रही है। 
2 अप्रैल के भारत बंद को देखकर सामन्तवादी मानसिकता के लोगों में बौखलाहट पैदा हो गई है कि कैसे बहुजन समाज संविधान की बदौलत आज इतने संगठित और प्रगतिशील हो गए हैं। क्योंकि भारत बन्द आंदोलन में भाग लेने वाला कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि से नही था बल्कि यह  देश भर के वह बहुजन लोग थे जो इंजीनियर हैं, डॉक्टर है, प्रोफेसर हैं, प्रथम द्वितीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व अधिजारियों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर आंदोलन में भाग लिया था जिससे जातिवादी लोगों की मूंछों की ऐंठन में और ज्यादा मरोड़ पड़ गई।
AUDSU सदस्यों ने प्रदेश सरकार की जातिगत मानसिकता से प्रेरित कार्यप्रणाली की जमकर भर्त्सना की है क्योंकि प्रदेश सरकार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे लोगों के ऊपर झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल में डाल रही है और जो जातिवादी लोग दंगा और हत्याएं कर रहे हैं उन्हें किसी पुलिस प्रशासन का डर नही है, वह खुलेआम घूम रहे हैं।
AUDSA की ओर से जारी विज्ञप्ति।

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