रविवार, 6 मई 2018

BHU प्रशासन संरक्षित 'गुंडों' ने छात्र को मारा चाकू, नौ छात्रों के खिलाफ नामजद FIR

छात्र को चाकू मारे जाने की घटना से खफा लालबहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों और बिड़ला छात्रावास के हमलावर छात्रों के बीच जमकर हुई पत्थरबाजी। विश्वविद्यालय प्रशासन के सुरक्षाकर्मी बने रहे मूकदर्शक।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों पर विश्वविद्यालय प्रशासन संरक्षित गुंडों का हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों विश्वनाथ मंदिर के पास एक छात्र पर हुए हमले का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि शनिवार को हिन्दी भवन चौराहे के पास अराजक तत्वों ने परीक्षा देने जा रहे आशुतोष मौर्या नामक छात्र को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पीड़ित छात्र का आरोप है कि बिड़ला निवासी हमलावरों ने देशी कट्टा सटाकर उसके साथी को जान से मारने की धमकी दी और उसके साथी का पर्स और उसमें रखे 14 हजार 570 रुपये लूट लिये। पीड़ित छात्र की तहरीर पर लंका पुलिस ने बीएचयू निवासी नौ छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में नामजद एफआईआर दर्ज किया है जिनमें लूटपाट करने और बलवा फैलाने का आरोप शामिल है। सूत्रों की मानें तो इस घटना को लेकर लालबहादुर शास्त्री छात्रावास और बिड़ला छात्रावास के छात्रों के बीच शनिवार को जमकर पत्थरबाजी भी हुई जिससे विश्वविद्यालय परिसर में घंटों तक अफरा-तफरी मची रही।

बीएचयू के लालबहादुर शास्त्री छात्रावास निवासी और बीए द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत छात्र आशतोष मौर्या ने लंका थाना प्रभारी को लिखे तहरीर में कहा है कि वह अपने मित्रों समीर सिंह और विनय कुमार सिंह के साथ कला संकाय में परीक्षा देने जा रहा था। रास्ते में हिन्दी भवन चौराहे के पास अविनाश राय, योगी प्रवीण राय, दर्शित पांडेय, रोहन, ऋषभ सिंह, अनुराग मिश्रा, आदर्श सेन गुप्ता, श्वेताभ अरुण और हर्ष वर्धन सिंह ने उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। आशुतोष ने तहरीर में लिखा है कि अविनाश राय ने उसपर चाकू से हमला किया जिससे उसके पेट में गंभीर चोट आ गई जबकि दर्शित पांडेय ने देशी कट्टे से उसके सिर पर जोर से हमला किया। उसने आरोप लगाया है कि विनय सिंह के उपर योगी प्रवीण राय ने देशी कट्टा सटाकर जान से मारने की धमकी दी। तहरीर में आशुतोष ने लिखा है कि हमलावरों ने समीर सिंह का पर्स छीन लिया जिसमें 14 हजार 570 रुपये थे।

लंका थाना पुलिस ने आशुतोष मौर्या की तहरीर पर अवनीश राय, योगी प्रवीण राय, दर्शित पांडेय, रोहन, ऋषभ सिंह, अनुराग मिश्रा, आदर्श सेन गुप्ता, श्वेताभ अरुण और हर्ष वर्धन सिंह के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा-147, 148 (बलवा फैलाने), 323 (मारपीट करने), 506 (जान से मारने की धमकी देने) और 392 (लूट-पाट करने) के तहत प्रथम सूचना रपट (एफआईआर) दर्ज कर लिया है। हालांकि खबर लिखे जाने तक सभी हमलावर पुलिस की गिरफ्त से बाहर थे।

शनिवार को दोपहर करीब दो बजे छात्र पर हुए हमले के बाद लाल बहादुर शास्त्री और बिड़ला छात्रावासों के छात्रों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई जिससे विश्वविद्यालय परिसर में अफरा-तफरी मची रही। इस दौरान विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी और अधिकारी मूकदर्शक बने रहे।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हमलावरों में अधिकतर हिन्दू युवा वाहिनी से जुड़े हैं जो आए दिन विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों पर होने वाले हमलों में शामिल रहते हैं। इनमें से कई के खिलाफ लंका थाने में नामजद एफआईआर है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के संरक्षण की वजह से इन हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। विश्वविद्यालय परिसर के अंदर होने वाले हमलों के आरोपियों में पुलिस प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही विश्वविद्यालय परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर के पास अराजक तत्वों ने एक छात्र पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था और फरार हो गये थे। आरोपों की मानें तो इस हमले में भी उक्त आरोपी छात्रों में से कई शामिल थे। हालांकि उस हमले की वजह एलआईयू का एक सिपाही था। उसके इशारे पर ही अराजक तत्वों ने उस दिन छात्र पर हमला किया था लेकिन आज तक उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। विश्वविद्यालय प्रशासन के सुरक्षाकर्मी भी हमलावरों को बचाते नजर आए थे।

इतना ही नहीं, पिछले साल 27 जुलाई को विश्वनाथ मंदिर के पास भी ऐसे ही अराजक तत्वों ने एक पत्रकार पर हमला कर उनका मोबाइल छीन लिया था। पत्रकार ने पुलिस प्रशासन को लिखित शिकायत की थी। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पत्रकार की बातों पर गौर करें तो इनमें से कई उस हमले में शामिल थे और दुकानदारों से सरस्वती पूजा के नाम पर अवैध वसूली कर रहे थे।  

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