मंगलवार, 26 मई 2020

BBAU में OBC आरक्षण को लागू करने से नहीं रोकता है विश्वविद्यालय के विशेष दर्जे का कानूनी प्रावधान!

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय अधिनियम-1994 की धारा-7 कहती है कि विश्विविद्यालय सभी व्यक्तियों के लिए खुला होगा, चाहे वह किसी भी लिंग, जाति, पंथ, नस्ल, वर्ग या निवास स्थान का हो। विश्वविद्यालय के शिक्षक के रूप में नियुक्ति प्रदान करने, इसके कार्यालयीन पद को धारण करने, विश्वविद्यालय में विद्यार्थी के रूप में प्रवेश लेने, स्नातक होने या उसके किसी भी विशेष प्रावधान का लाभ उठाने की अर्हता को निर्धारित करने में किसी व्यक्ति पर उसकी धार्मिक आस्था या पेशे से संबंधित कोई परीक्षण अपनाना या थोपना विश्वविद्यालय के लिए विधिसम्मत नहीं होगा।
इस खण्ड में कोई भी प्रावधान विश्वविद्यालय को महिलाओं, दिव्यांगों, समाज के वंचित तबके के व्यक्तियों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, के रोजगार अथवा शैक्षणिक हितों के संवर्द्धन के लिए विशेष प्रावधान बनाने से नहीं रोकेगा।

 reported by Shiv Das

खनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय का विशेष दर्जे का कानूनी प्रावधान विश्वविद्यालय में भारतीय संविधान के तहत मिले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या अन्य किसी भी वंचित समुदाय के आरक्षण को लागू करने से नहीं रोकता है! विश्वविद्यालय महिलाओं, दिव्यांगों और समाज के वंचित तबके के व्यक्तियों के रोजगार अथवा शैक्षणिक हितों के संवर्द्धन के लिए विशेष प्रावधान को बना सकता है और लागू कर सकता है। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए बने कानून में इसका स्पष्ट रूप से जिक्र किया गया है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विशेष प्रावधान का हवाला देकर केंद्र सरकार के अधीन शिक्षण संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग को मिले 27 प्रतिशत संवैधानिक कोटे को आज तक लागू नहीं किया जबकि सवर्णों के आरक्षण के रूप में चर्चित ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से वंचित समूह) के 10 प्रतिशत कोटे को साल भर के अंदर लागू कर दिया। हालांकि ईडब्ल्यूएस वर्ग के अंदर आने वाले लोगों के बारे में अभी तक कोई अधिकारिक एवं विश्वसनीय आंकड़ा नहीं है कि वे भारतीय समाज के वंचित वर्गों की श्रेणी में आते हैं। 

सोमवार, 25 मई 2020

प्रवासी श्रमिकों की व्यथा के लिए कांग्रेस और बीजेपी जिम्मेदार- मायावती

बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को मीडिया वार्ता के दौरान कहा- प्रवासी मजदूरों के मूल राज्यों में कोरोना फैलने के लिए सरकारें जिम्मेदार हैं...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को कहा कि बीएसपी का जन्म ही देश के शोषित, पीड़ित, उपेक्षित, दलित , आदिवासी, पिछड़े, अक्लियत और अपरकास्ट समाज के गरीबों एवं मजदूर-किसान-विरोधी कांग्रेस पार्टी की गलत नीतियों के खिलाफ हुआ जो आज बीजेपी के शासनकाल में भी लगातार जारी दिख रहा है। इसलिए बोलना पड़ा है कि प्रवासी श्रमिकों की व्यथा के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जिम्मेदार हैं। साथ ही उन्होंने बसपा के लोगों को अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरों की मदद करने की अपील की। उन्होंने आज अपने ट्विटर हैंडल से लोगों को ईद-उल-फितर की मुबारकबाद एवं शुभकामनाएं दी हैं।

रविवार, 24 मई 2020

प्रतापगढ़ में दबंग ब्राह्मणों ने कुर्मी समुदाय के किसानों पर किया जानलेवा हमला, सरदार सेना और कांग्रेस ने बताया जंगलराज

गोविंदपुर गांव में किसान का जला घर
अपना दल (सोनेलाल) ने हमलावरों पर कार्रवाई के लिए पुलिस में लगाई गुहार। पुलिस ने क्षेत्राधिकारी से मामले की जांच कराने की बात कही। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

प्रतापगढ़। पट्टी कोतवाली क्षेत्र के गोविंदपुर गांव में  दबंग ब्राह्मणों ने शुक्रवार को कुर्मी समुदाय के किसानों पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने उनके घर फूंक दिए और पशुओं को भी जलाने की कोशिश की। इससे नाराज सरदार सेना और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। किसी ने जंगल राज बताया तो किसी ने कानून व्यवस्था खत्म होने की बात कही। वहीं, अपना दल (सोनेलाल) के एमएलसी ने हमलावरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस से गुहार लगाई।

शनिवार, 23 मई 2020

राजस्थान: गरीबों की सेहत के ठेके में 1500 करोड़ का 'खेल', 2000 करोड़ की जगह 3500 करोड़ में BAJAJ ALLIANZ को दिया ठेका

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक दस्तावेज़ के मुताबिक राज्य के 50 लाख परिवारों को कवर करने का ठेका बजाज आलियांज़ जीआइसी लिमिटेड को मिला है। नियमों के मुताबिक इस ठेके का मूल्य 2000 करोड़ से ज्यादा नहीं होना चाहिए था लेकिन सरकार बजाज आलियांज़ को इसके लिए 3500 करोड़ देगी जिससे राजकोष को 1500 करोड़ का घाटा होगा...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमा का ठेका 75 फीसद ज्यादा मूल्य पर एक निजी कंपनी को दे दिया है। इस योजना के लिए दो बार बोली आमंत्रित की गयी लेकिन दिलचस्प बात ये है कि दोनों ही मौकों पर एक ही कंपनी ने बोली लगायी।

योगी सरकार ने सरकारी सेवकों के प्रदर्शन और हड़ताल पर लगाई रोक, वर्कर्स फ्रंट ने की निंदा

फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा- "आरएसएस-भाजपा की डरी सरकार आपातकाल की ओर बढ़ी"। सरकार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कही।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी सेवकों और मजदूर संगठनों के किसी भी प्रकार के हड़ताल पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंहल ने शुक्रवार को राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को आदेश जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार कर्मचारियों के आचरण नियमावली-1956 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन कराने को कहा। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश (सेवा संघों की मान्यता) नियमावली-1979 के प्रावधानों के तहत ऐसा करने पर मजदूर संगठनों की मान्यता वापस लेने की धमकी दी है। उधर वर्कर्स फ्रंट ने योगी सरकार के इस आदेश की निंदा की और सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की। साथ ही फ्रंट ने चेतावनी दी कि अगर योगी सरकार ऐसा नहीं करती है तो फ्रंट उसके आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा।

सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूर संगठनों का देशव्यापी प्रदर्शन, दिल्ली में गिरफ्तारियां

मजदूरों की दुर्दशा और सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ ऐक्टू समेत विभिन्न मजदूर संगठनों ने लॉक-डाउन के दौरान किया विरोध प्रदर्शन।
राजघाट पर हुई केन्द्रीय ट्रेड यूनियन नेताओं की गिरफ्तारी। ऐक्टू महासचिव राजीव डिमरी सहित कई ट्रेड यूनियन नेताओं को दिल्ली पुलिस द्वारा किया गया गिरफ्तार।
राजीव डिमरी ने कहा- संवेदनहीन सरकार मज़दूरों को मार रही है। इन्हें सरकार में बने रहने का कोई हक नहीं। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ऐक्टू समेत विभिन्न मजदूर संगठनों ने शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन किया। दिल्ली में ऐक्टू महासचिव राजीव डिमरी समेत कई नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि इस विरोध-दिवस का आयोजन ऐक्टू समेत इंटक, एटक, सीटू, एच.एम.एस, ए.आई.यू.टी.यू.सी, यू.टी.यू.सी, टी.यू.सी.सी, एल.पी.एफ, सेवा जैसे केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों के संयुक्त आह्वान पर किया गया था. संघ-भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ के अलावा सभी केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों ने आज के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. बैंक, बीमा, कोयला, रेल इत्यादि क्षेत्रों के मजदूर-फेडरेशनों ने भी आज के प्रदर्शन में भागीदारी की.

शुक्रवार, 22 मई 2020

BBAU में सवर्णों का EWS कोटा लागू होने पर OBC छात्रों ने भी मांगा आरक्षण, नेता खामोश

अनुसूचित जाति वर्ग के बुद्धिजीवियों ने इसे बताया पिछड़े और अनुसूचित वर्गों के बीच खाई पैदा करने वाली आरएसएस और भाजपा की साज़िश 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊः बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में प्रवेश की सीटों पर सवर्णोंका ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटा लागू होने पर अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों और शिक्षकों ने विश्वविद्यालय में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 27 फीसदी कोटा को लागू करने के लिए अभियान छेड़ दिया है। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग के बुद्धिजीवियों ने इसे पिछड़े और अनुसूचित वर्गों के बीच खाई पैदा करने के लिए भाजपा और आरएसएस की साज़िश बताया है।

आरक्षण प्रणाली में बदलाव से उच्च शिक्षण संस्थानों में फिर घूंटेगी 'पायल' और मरेगा 'रोहित'

जातिगत भेदभावों, उत्पीड़नों के इस विकसित गतिविज्ञान का एक अहम पहलू यह है कि मुल्क में जबसे हिन्दुत्व वर्चस्ववादी विचारों/ जमातों का प्रभुत्व बढ़ा है, हम ऐसी घटनाओं में भी एक उछाल देखते हैं। यह कोई संयोग की बात नहीं है कि केन्द्र में तथा कई सूबों में भाजपा के उभार के साथ हम यही पा रहे हैं कि किस तरह वे सुनियोजित तरीकों से दलितों के मामलों में सकारात्मक कार्रवाइयों /एफर्मेटिव एक्शन और उन्हें कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के अस्तित्वमान प्रावधानों को कमजोर करने में मुब्तिला हैं

written by सुभाष गाताडे

तेरह साल का एक वक्फ़ा गुजर गया जब थोरात कमेटी रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। याद रहे, सितम्बर 2006 में उसका गठन किया गया था, इस बात की पड़ताल करने के लिए कि एम्स अर्थात आल इंडिया इन्स्टिटयूट आफ मेडिकल साईंसेज़ में अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों के साथ कथित जातिगत भेदभाव के आरोपों की पड़ताल की जाए। उन दिनों के अग्रणी अख़बारों में यह मामला सुर्खियों में था (देखें, द टेलीग्राफ 5 जुलाई 2006)

मीडिया का ब्राह्मणवादः संदीप सिंह पर FIR दर्ज नहीं!

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह

(राजीव सिंह जादौन अपनी इस टिप्पणी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह पर दर्ज प्रथम सूचना रपट (एफआईआर) की मीडिया कवरेज को लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हैं। खबरों में संदीप सिंह के नाम का जिक्र नहीं होने पर वे इसे मीडिया का ब्राह्मणवाद कहते हैं। मीडिया इंडस्ट्री पर हुए विभिन्न शोधों में जाति आधारित भेदभाव के प्रमाण भी सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद लेखक इस भेदभाव को मीडिया का ब्राह्मणवाद कहते हैं। इस टिप्पणी को आप खुद पढ़ें और तय करें कि यह मीडिया का ब्राह्मणवाद या जातिवाद या और कुछ? पढ़ने के बाद अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें और संभव हो तो विस्तृत में लिखें। वनांचल एक्सप्रेस ऐसे मुद्दे पर एक गंभीर विमर्श चाहता है। गंभीर और तथ्यात्मक लेखों को वनांचल एक्सप्रेस यहां प्रकाशित करेगा।- संपादक)

"मैंने जितने भी न्यूज चैनल देखे, उसमें एक भी ऐसा नहीं था, जहां यह लिखा या दिखाया गया कि 'संदीप सिंह पर एफआईआर दर्ज'। हर जगह यही लिखा मिला "प्रियंका गांधी के निजी सचिव पर एफआईआर दर्ज"

गुरुवार, 21 मई 2020

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में OBC को नहीं मिला आरक्षण, सवर्णों का EWS कोटा लागू


सवर्णों के 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस (इकॉनॉमिक वीकर सेक्शन) कोटे को विश्वविद्यालय में लागू कर दिया है लेकिन पिछड़ों के 27 फीसदी आरक्षण को आज तक लागू नहीं किया।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए विशेष तौर पर बने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने सवर्णों के 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस (इकॉनॉमिक वीकर सेक्शन) कोटे को विश्वविद्यालय में लागू कर दिया है लेकिन पिछड़ों के 27 फीसदी आरक्षण को आज तक लागू नहीं किया। यूं कहें कि प्रशासन ने विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अनारक्षित वर्ग के 10 फीसदी सीटों में ओबीसी/एसीसी/एसटी के छात्रों का प्रवेश बंद कर दिया है। इससे सरकार ने इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को पूरी तरह खत्म कर दिया है। शिक्षा सत्र-2020-21 के लिए जारी सूचना पुस्तिका में विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उपलब्ध सीटों के बंटवारे में अनारक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत सीटों को समेटते हुए सवर्णों के 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटे को लागू किया है। शेष 50 फीसदी सीटें अनुसुचित जाति वर्ग (एससी) और अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) के लिए आबंटित हैं। कई पाठ्यक्रमों में एसटी वर्ग तक की सीटें खत्म कर दी गई हैं।

Lock-Down: बोर्ड परीक्षाओं के लिए मिली अनुमति, प्रशासकों को इन शर्तों का कराना होगा पालन


भारत सरकार के गृह सचिव द्वारा
राज्य के मुख्य सचिवों को जारी पत्र
नियंत्रित परिक्षेत्र (Containment Zone) में नहीं बनेगा कोई परीक्षा केंद्र


वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से मिले आदेश के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य परीक्षा बोर्डों, सीबीएसई और आईसीएसई द्वारा संचालित की जाने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संचालन पर लगी रोक हटा दी है। भारत सरकार के गृह सचिव अजय भल्ला ने बुधवार को केंद्र शासित राज्यों के प्रशासकों और राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र जारी कर इसकी सूचना दी।

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

BHU: Ph.D. प्रवेश प्रक्रिया में जाति आधारित भेदभाव पर बिफरे छात्र, कुलपति कार्यालय का किया घेराव


विश्वविद्यालय प्रशासन पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं करने का आरोप।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गढ़ के रूप में चर्चित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों ने बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय प्रशासन पर जाति के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया और लंका स्थित सिंह द्वार से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक मार्च निकालने की असफल कोशिश की। बाद में छात्रों ने विश्वविद्यालय में मार्च निकाला और केंद्रीय कार्यालय का घेराव किया।

बुधवार, 22 जनवरी 2020

भाजपा घर में आग लगाकर रोटी सेंकने वाली पार्टीः योगेंद्र यादव


वाराणसी स्थित शास्त्री घाट पर आयोजित नागरिक अधिकार सम्मेलन
में मंच पर बैठे (बायें से ) रामजी राय, योगेंद्र यादव, कन्नन गोपीनाथन।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर आयोजित हुआ 'नागरिक अधिकार सम्मेलन'
एनआरसी(राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) गरीबों के खिलाफ है, सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) संविधान के खिलाफ है, दोनों को मिला दें तो यह मुसलमानों के खिलाफ हैः कन्नन गोपीनाथन
शासक वर्ग सबसे ज्यादा हिन्दू-मुस्लिम एक से डरता हैः रामजी राय

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) शुरू होगा टीचर से लेकिन खत्म होगा डिटेंशन सेंटर से। यह पांच उंगलियों का खेल है। पहली उंगली हिलते ही इसे रोक लीजिए। मुट्ठी बनाकर इसे मजबूत कीजिए। एनआरसी असम और पश्चिम बंगाल के लिए लाया गया था लेकिन पूरे देश में इसका विरोध हो गया। देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अब एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) की बात कर रहे हैं। हमें इसका बॉयकाट करना होगा। इसका बॉयकाट कीजिए। भाजपा घर में आग लगाकर रोटी सेंकने वाली पार्टी है। असम और पश्चिम बंगाल में वह यही कोशिश कर रही है।

मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

सोनभद्र में पराली (पुआल) जलाने पर छह किसानों पर FIR, 20 को नोटिस


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के अनुपालन में जिला प्रशासन ने दर्ज कराया एफआईआर।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र। जिला प्रशासन ने खेतों में पराली (पुआल) जलाने को लेकर छह किसानों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराया है। इनमें तीन किसान रॉबर्ट्सगंज तहसील के हैं जबकि अन्य तीन किसान घोरावल तहसील के हैं। साथ ही जिला प्रशासन ने पुआल जलाने को लेकर जिले के 20 किसानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं, मजदूर किसान मंच ने जिला प्रशासन के इस कार्रवाई को किसानों का उत्पीड़न बताकर उन पर से मुकदमा वापस लेने की मांग की है।

हमलों के दौर में नेटवर्क और सहकारी मंच खड़ा करें ग्रामीण पत्रकार:पी साईनाथ

पत्रकारों पर हमले के विरुद्ध समिति (CAAJ) ने द्वारा पराड़कर स्मृति सभागार में आयोजित 'कितनी आजाद है ग्रामीण पत्रकारों की कलम?' विषय पर रखी अपनी बात।
कार्यक्रम में यायावर पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव की पहली पुस्तक 'देसगांव' का हुआ विमोचन। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी, 29 नवंबर, 2019। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट पवित्र नगरी काशी पिछले शुक्रवार एक ऐतिहासिक आयोजन का गवाह बनी, जब दि हिंदू के पूर्व संपादक (ग्रामीण मामले) और प्रसिद्ध पत्रकार पी. साइनाथ ने काशी पत्रकार संघ के पराड़कर स्मृति भवन में ग्रामीण पत्रकारों की आज़ादी के विषय पर एक झकझोरने वाला व्याख्यान दिया।

गुरुवार, 7 नवंबर 2019

वाराणसी में कुम्हारों ने भाजपा सरकार के खिलाफ निकाला मार्च, SC वर्ग में शामिल करने की मांग की


इलेक्ट्रॉनिक चाक के उपयोग पर आने वाले बिजली बिल को माफ करने, कुम्हारों के तीन पहिया ठेला को नगर निगम के कर से मुक्त करने, कुम्हारों समेत अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल अन्य 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के सदस्य डॉ. रत्नप्पा कुम्हार के नाम पर रखने, कुम्हारी कला के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने और फाइबर-पन्नी-थर्माकोल के उपयोग को पूरी तरह से  प्रतिबंधित करने की मांग भी की।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों से बार-बार छले जाने से नाराज कुम्हारों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय शहर वाराणसी में भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ मार्च निकाला। मार्च में कुम्हारों ने इलेक्ट्रॉनिक चाक के उपयोग पर आने वाले बिजली बिल को माफ करने, कुम्हारों के तीन पहिया ठेला को नगर निगम के कर से मुक्त करने, कुम्हारों समेत अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल अन्य 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के सदस्य डॉ. रत्नप्पा कुम्हार के नाम पर रखने, कुम्हारी कला के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने और फाइबर-पन्नी-थर्माकोल के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंध करने की मांग की। साथ ही कुम्हारों ने चेतावनी दी कि अगर हमारी उक्त मांगे नहीं मानी गईं तो कुम्हार समुदाय अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के माध्यम से केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन छेड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

मोदी सरकार का कारनामा: अमीरों के तीन लाख करोड़ के ऋण हुए माफ

अप्रैल 2014 से अप्रैल 2018 के बीच तीन लाख 16 हजार करोड़ रुपये के ऋण माफ हुए हैं?

रविश कुमार

मोदी राज के चार साल में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार करोड़ के लोन माफ कर दिए हैं। क्या वित्त मंत्री ने आपको बताया कि उनके राज में यानी अप्रैल 2014 से अप्रैल 2018 के बीच तीन लाख करोड़ के लोन माफ हुए हैं? यही नहीं इस दौरान बैंकों को डूबने से बचाने के लिए सरकार ने अपनी तरफ से हज़ारों करोड़ रुपये बैंकों में डाले हैं। जिस पैसे का इस्तमाल नौकरी देने में खर्च होता, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा देने में खर्च होता वो पैसा चंद उद्योगपतियों पर लुटा दिया गया। 

शनिवार, 7 जुलाई 2018

‘तुम रं.. की औलाद है छाप दे सुबूत मैं दे रहा हूं तू रं.. की औलाद हो’

आजमगढ़ के कन्धरापुर थाना प्रभारी ने रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव को मोबाइल पर दी धमकी। ऑडियो वायरल। राजीव यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के पुलिस महानिदेशक और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को पत्र भेजकर की मामले की शिकायत।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में हुए पुलिस मुठभेड़ों पर सवाल उठाने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता और रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव को उत्तर प्रदेश पुलिस ने धमकी दी है। राजीव यादव ने आजमगढ़ के कन्धरापुर थाना प्रभारी अरविंद यादव पर धमकी देने और अपशब्द करने का आरोप लगाते हुए एक ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल की है जिसमें फोन पर बात करने वाला व्यक्ति साफ कह रहा है-ठीक नहीं होगा जान लेना...सेहत के लिए ठीक नहीं होगा...इसे परामर्श समझो या धमकी जो भी समझते समझ लो...तुम्हारे घर पर आउंगा...मैं कल आ रहा हूं तुम्हारे घर...बचा लेना तो बताना भागो...आफिस कहा है ये बताओ तुम्हारा आफिस कहां है...रहते कहां हो...कल अगर नहीं आए तो ठीक नहीं होगा...कल शाम तक नहीं आए तो मुकदमा लिखूंगा...तुम रं-- की औलाद है...मैं कह रहा हूं तुम अपने बाप की औलाद नहीं हो...अगर फिर नाम छप गया तुम्हारे मंच से तुम अपने लिए खैर मत समझना...सुन लो राजीव होश में रहना होश में रहो दिमाग ठिकाने कर लो...ठीक नहीं होगा तुम्हारे लिए...।

रविवार, 24 जून 2018

EXCLUSIVE: सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज नगर में दिन-दहाड़े हुआ नाबालिग का अपहरण, तीन दिनों के बाद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े अपहरणकर्ता

रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई ऑनलाइन ई-एफआईआर। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
सोनभद्र। भाजपा सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देकर बेटियों की सुरक्षा का भले ही दावा कर रही हो लेकिन उत्तर प्रदेश की उसकी योगी सरकार में बेटियां दिन भी सुरक्षित नहीं हैं। रॉबर्ट्सगंज कोतवाली अंतर्गत रॉबर्ट्सगंज नगर के उत्तर मुहाल स्थित शनि देव मंदिर के पास से शुक्रवार को दिन-दहाड़े एक नाबालिग लड़की के अपहरण का मामला प्रकाश में आया है। साथ ही मामले में पुलिस प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। 

शुक्रवार, 22 जून 2018

वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल का यह सवाल आपको परेशान करेगा

विपक्षी नेता क्या इसलिए खामोश रहेंगे कि मुसलमानों के लिए न्याय की बात करने से कोई काल्पनिक हिंदू ध्रुवीकरण हो जाएगा?

महोदया/महोदय,
मुझे मालूम है कि आप सब आने वाले विधानसभा चुनावों और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त होंगे. आप राज्यस्तरीय, जिलास्तरीय और चुनाव क्षेत्र स्तरीय सभाएं कर रहे होंगे.

बुधवार, 20 जून 2018

सोनभद्र के तिनताली गांव में 90 प्रतिशत हैंडपंपों ने छोड़ा पानी, ग्रामीण घर छोड़ ले रहे दूसरों की शरण

ग्राम पंचायत तिनताली ने शासन के निर्देशों को दरकिनार कर अभी तक नहीं चलाया पानी का टैंकर, ग्रामीणों में आक्रोश, धरना-प्रदर्शन कर वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग कर सकते हैं जाम।
ग्रामीणों का आरोप-पड़ोसी गांव बहुअरा में गैरकानूनी ढंग से संचालित आरओ प्लांट से इलाके के हैंडपंपों पर पड़ रहा ज्यादा असर।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
सोनभद्र। रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के तिनताली और बहुअरा  ग्राम पंचायतों में 90 प्रतिशत हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है। इससे परेशान ग्रामीण पानी और उससे जुड़े कामों के लिए दूसरों की शरण लेने पर मजबूर हैं। ग्रामीणों की बातों पर विश्वास करें तो ग्राम पंचायत बहुअरा में टैंकरों से पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जा रही है लेकिन वे सबको पानी मुहैया कराने में नाकाफी हैं। वहीं ग्राम पंचायत तिनताली में 90 फीसदी हैंडपंपों के पानी छोड़ने के बाद भी अभी तक पीने के पानी के टैंकरों का संचालन नहीं किया गया है जिससे ग्रामीणों में ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अखिलेश यादव के खिलाफ भारी आक्रोश है और वे वाराणसी-शक्तिनगर राज्यमार्ग जाम कर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।

सोमवार, 18 जून 2018

पदोन्नति में आरक्षण की बहाली के लिए आरक्षण समर्थकों ने फूंका बिगुल, 24 घंटे में आरक्षण बहाली नहीं होने पर देश व्यापी प्रदर्शन की दी चेतावनी

आरक्षण समर्थकों ने पदोन्नति में आरक्षण का बिल पास करने और आरक्षण अधिनियम-1994 की धारा-3(7) को 15 नवंबर 1997 से लागू करने की मांग उठाई।
पिछड़े वर्गों के लिये पदोन्नति में आरक्षण की वर्ष 1978 में लागू व्यवस्था पुनः बहाल करने उठी पुरजोर मांग।  
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। पदोन्नति में आरक्षण की बहाली की मांग को लेकर आरक्षण समर्थकों ने रविवार को गोमती नगर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक स्थल पर भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार समेत विभिन्न राज्य सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। राज्य के विभिन्न इलाकों से इकट्ठा हुए हजारों कार्मिकों ने आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले विधानसभा की ओर पैदल मार्च किया। सभी ने लोक सभा में लम्बित 'पदोन्नति में आरक्षण संबंधी 117वां संवैधानिक संशोधन विधोयक पास करने और उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश आरक्षण अधिनियम-1994 की धारा-3(7) को 15 नवंबर 1997 से बहाल करने की मांग की। साथ ही उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के अंदर उत्तर प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण बहाल नहीं किया गया तो वे भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ देश व्यापी धरना-प्रदर्शन करेंगे।

रविवार, 17 जून 2018

PM के संसदीय क्षेत्र में शिक्षा के निजीकरण का हुआ विरोध, समान शिक्षा प्रणाली के लिए निकली 'समान शिक्षा अधिकार यात्रा'

समान शिक्षा अधिकार मंच के बैनर तले वाराणसी-चंदौली-सोनभद्र-मिर्जापुर-वाराणसी तक मोटरसाइकिलों से समाजसेवी निकाल रहे समान शिक्षा अधिकार यात्रा।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। शिक्षा के निजीकरण से देश में बढ़ती विषमता पर चिंतित 'समान शिक्षा अधिकार मंच' ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से मोर्चा खोल दिया है। मंच ने रविवार को स्थानीय महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गेट संख्या-एक से तीन दिवसीय 'समान शिक्षा अधिकार यात्रा' निकाली जो चंदौली-सोनभद्र-मिर्जापुर से होते हुए वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सिंह द्वार तक जाएगी। करीब आधा दर्जन मोटरसाइकिलों पर सवार मंच के साथियों ने समान शिक्षा प्रणाली के प्रति लोगों को जागरूक करने और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को लागू कराने में जनमर्थन हासिल करने के लिए इस यात्रा को निकाले जाने का दावा किया।

रविवार, 20 मई 2018

BJP के पूर्व सांसद ने कोतवाली में की ‘एसपी की ऐसी-तैसी’ और दारोगा को बोला ‘मादर..द’, FIR दर्ज

बीजेपी नेता और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे राम सकल का दारोगा को गाली देते हुए वीडियो हुआ वायरल। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मिर्जापुर। सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम सकल का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह मिर्जापुर जिले के शहर कोतवाली के अंदर ‘एसपी की ऐसी-तैसी’ कर रहे हैं। साथ ही फतहा पुलिस चौकी प्रभारी अश्वनी त्रिपाठी और अन्य पुलिसकर्मियों को भद्दी-भद्दी गालियां देकर बीजेपी की सत्ता का धौंस दिखा रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने दारोगा अश्वनी त्रिपाठी की तहरीर पर शहर कोतवाली में बीजेपी नेता राम सकल के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा-147 (बलवा करने), 353 (सरकारी काम में बाधा डालने के लिए लोकसेवक पर हमला करना), 504 (गाली-गलौज कर अपमानित करना) और 506 (जान से मारने की धमकी देना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है। 

गुरुवार, 10 मई 2018

SAHARANPUR MURDER: भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई की हत्या पर बिफरे BBAU के बहुजन छात्र, केंद्र और राज्य सरकार का फूंका पुतला

वनांचल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। सहारनपुर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन वालिया की हत्या के विरोध में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के बहुजन छात्रों का गुस्सा आज स्थानीय सड़कों पर फूटा। बहुजन छात्र संगठन अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन (AUDSU) के बैनर तले बहुजन छात्रों ने लखनऊ में जमकर प्रदर्शन किया और राज्य सरकार समेत केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर छात्रों ने दोनों सरकारों का पुतला भी फूंका और सचिन वालिया के लिए न्याय माँगा। 

सोमवार, 7 मई 2018

UGC और केंद्र सरकार के खिलाफ आरक्षण समर्थक छात्रों ने खोला मोर्चा, विभागवार आरक्षण नियमावली की प्रतियां फूंककर दी आंदोलन की चेतावनी

यूजीसी द्वारा जारी आरक्षण विरोधी रोस्टर का सर्कुलर वापस नहीं लिए जाने से नाराज छात्रों और शिक्षकों ने भरी हुंकार।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नयी दिल्ली। इंडिया फ़ॉर सोशल जस्टिस’ के आह्वान पर आज देश के दर्जनों केन्द्रीय विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में छात्रों ने 5 मार्च 2018 को यूजीसी द्वारा जारी आरक्षण विरोधी रोस्टर लागू किए जाने सम्बन्धी सर्कुलर की प्रतियों को जलाया और सरकार को खुली चेतावनी दी कि यदि यह सर्कुलर तत्काल प्रभाव से वापस नहीं लिया गया तो एक अखिल भारतीय छात्र आन्दोलन के लिए देश भर के छात्र मजबूर होंगे.

रविवार, 6 मई 2018

BHU प्रशासन संरक्षित 'गुंडों' ने छात्र को मारा चाकू, नौ छात्रों के खिलाफ नामजद FIR

छात्र को चाकू मारे जाने की घटना से खफा लालबहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों और बिड़ला छात्रावास के हमलावर छात्रों के बीच जमकर हुई पत्थरबाजी। विश्वविद्यालय प्रशासन के सुरक्षाकर्मी बने रहे मूकदर्शक।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों पर विश्वविद्यालय प्रशासन संरक्षित गुंडों का हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों विश्वनाथ मंदिर के पास एक छात्र पर हुए हमले का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि शनिवार को हिन्दी भवन चौराहे के पास अराजक तत्वों ने परीक्षा देने जा रहे आशुतोष मौर्या नामक छात्र को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पीड़ित छात्र का आरोप है कि बिड़ला निवासी हमलावरों ने देशी कट्टा सटाकर उसके साथी को जान से मारने की धमकी दी और उसके साथी का पर्स और उसमें रखे 14 हजार 570 रुपये लूट लिये। पीड़ित छात्र की तहरीर पर लंका पुलिस ने बीएचयू निवासी नौ छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में नामजद एफआईआर दर्ज किया है जिनमें लूटपाट करने और बलवा फैलाने का आरोप शामिल है। सूत्रों की मानें तो इस घटना को लेकर लालबहादुर शास्त्री छात्रावास और बिड़ला छात्रावास के छात्रों के बीच शनिवार को जमकर पत्थरबाजी भी हुई जिससे विश्वविद्यालय परिसर में घंटों तक अफरा-तफरी मची रही।

शनिवार, 5 मई 2018

BHU: पिज्जा-कोल्डड्रिंक के बयान से भड़की छात्राओं ने दिया धरना, चीफ प्रॉक्टर का मांगा इस्तीफा

छात्राओं ने चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह द्वारा दर्ज एफआईआर को वापस लेने के साथ मीडिया में माफी मांगने की मांग की। महिला महाविद्यालय के गेट के सामने एक घंटे तक दिया धरना, फिर निकाला प्रतिरोध मार्च।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की पहली महिला चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह के 'पिज्जा और कोल्डड्रिंक' केे बयान और उसके बाद छात्र-छात्राओं पर हुए एफआईआर (प्रथम सूचना रपट) ने शनिवार को तूल पकड़ लिया। शनिवार की शाम सैकड़ों छात्राएं रोयाना सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए महिला महाविद्यालय गेट के सामने धरने पर बैठ गईं और नारेबाजी करने लगीं। छात्राओं ने एक सुर में चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह द्वारा दर्ज एफआईआर को वापस लेने के साथ मीडिया में अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग करने लगीं। थोड़ी देर में ही दर्जनों छात्रों का एक समूह उनके समर्थन में धरना में शामिल हो गया और सभी ने करीब एक घंटे तक वहां धरना-प्रदर्शन किया। फिर उन्होंने एक प्रतिरोध मार्च निकाला जो महिला महाविद्यालय गेट से निकलकर लंका स्थित सिंह द्वार तक गया।

रविवार, 29 अप्रैल 2018

BHU के छात्रों ने ‘ZEE NEWS’ के खिलाफ किया प्रदर्शन, फूंका लोगो

छात्र समुदाय को बदनाम करने के लिए प्रोपगंडा रचने का लगाया आरोप। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों ने शनिवार की शाम लंका स्थित सिंह द्वार के सामने ‘ज़ी न्यूज़’ टीवी चैनल के खिलाफ प्रदर्शन किया और उसका लोगो जलाया। साथ ही उन्होंने उसपर छात्र समुदाय को बदनाम करने के लिए प्रोपगैंडा रचने का आरोप लगाया।

गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

शरद यादव ने बनाया ‘लोकतांत्रिक जनता दल’, 18 मई को होगा पहला सम्मेलन

नयी दिल्ली। नीतीश कुमार के बीजेपी प्रेम से नाराज़ होकर  जनता दल(युनाइटेड) छोड़ने वाले शरद यादव ने नई पार्टी का गठन किया है। नाम है-लोकतांत्रिक जनता दल। इस पार्टी का पहले सम्मेलन 18 मई को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होगा। शरद यादव इन दिनों विपक्ष के चाणक्य बने हुए हैं और 2019 में केंद्र से बीजेपी को हटाने की कोशिशों के प्रमुख रणनीतिकार हैं।

बुधवार, 25 अप्रैल 2018

UGC की नयी अधिसूचना के खिलाफ प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में आरक्षण समर्थकों का हल्लाबोल, आबादी के अनुपात मेंं मांगा आरक्षण

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने और गत 5 मार्च को जारी यूजीसी की अधिसूचना को निरस्त करने की उठी मांग। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले आरक्षण समर्थक छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निकाली आरक्षण बचाओ पदयात्रा।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में भागीदारी के सवाल को लेकर आरक्षण समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) समेत केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को ईकाई मानकर कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थकों ने आज प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र मेंं हल्ला बोला और अपनी आवाज बुलंद की। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले करीब पांच सौ आरक्षण समर्थकों ने वाराणसी के नरिया से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक आरक्षण बचाओ पदयात्रा निकाला और भारतीय संविधान में उल्लेखित प्रतिनिधित्व के अधिकार की मांग की।

आरक्षण समर्थकों ने वाराणसी में खोला मोर्चा, प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का आज करेंगे घेराव


विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने और यूजीसी द्वारा 5 मार्च 2018 को जारी अधिसूचना को निरस्त करने की मांग को लेकर पदयात्रा भी करेंगे आरक्षण समर्थक।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में भागीदारी के सवाल को लेकर आरक्षण समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में मोर्चा खोल दिया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को ईकाई मानकर कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थक आज प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का घेराव कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले होने वाले इस कार्यक्रम के दौरान आरक्षण समर्थकों ने नरिया से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक आरक्षण बचाओ पदयात्रा निकालने का ऐलान भी किया है जिसमें हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है।

शनिवार, 21 अप्रैल 2018

‘संविधान बचाओ आंदोलन’ से डरी सरकार, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल समेत कई गिरफ्तार, चार घंटे बाद रिहा

देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और शिक्षण संस्थानों में प्रतिनिधित्व (आरक्षण) के अधिकार को खत्म करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ दे रहे थे धरना।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। देशव्यापी संविधान बचाओ आंदोलन से डरी केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल और उनके साथियों को शुक्रवार की शाम हिरासत में ले लिया और उन्हें संसद मार्ग थाना में करीब चार घंटे तक बंधक बनाये रखा। इस दौरान उनसे और उनके साथियों के साथ पुलिसवालों ने बदतमिजी भी की। उनके साथी वकीलों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने उन्हें देर रात रिहा किया। 

शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018

BHU: नवनियुक्त कुलपति ने छात्रावास को बनाया अतिथिगृह, अब देना होगा दोगुना किराया

विश्वविद्यालय के अतिथिगृहों की सुविधाओं की दरों में सात हजार गुना तक की बढ़ोत्तरी। सहायक कुलसचिव (प्रशासन) ने जारी की अधिसूचना।
शिव दास
वाराणसी। सर्व विद्या की राजधानी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का स्वायत्ततायी आदेश का असर दिखाई देने लगा है। नवनियुक्त कुलपति ने छात्रों से डॉ. शांति स्वरूप भटनागर छात्रावास को छीनकर उसे विश्वविद्यालय के अतिथिगृहों का हिस्सा बना दिया है जो अब डॉ. शांति स्वरूप भटनागर अतिथिगृह के नाम से जाना जाएगा। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सभी अतिथिगृहों की सुविधाओं की दरों में दो गुना से लेकर सात हजार गुना तक की बढ़ोत्तरी कर दी है जिसमें प्रशासनिक और शैक्षिक कार्यों को भी शामिल किया गया है। 

गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

UGC और MHRD समेत केंद्र सरकार के खिलाफ वाराणसी में SC, ST और OBC छात्रों का प्रदर्शन, BHU के शिक्षक भी हुए शामिल, शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता का किया विरोध

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में विभागवार आरक्षण के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में छात्रों और शिक्षकों ने निकाला विरोध मार्च, शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता का भी हुआ विरोध।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में विभागवार आरक्षण (प्रतिनिधित्व) दिये जाने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के फरमान के खिलाफ एससी, एसटी, ओबीसी संघर्ष समिति ने बुधवार को लंका स्थित सिंह द्वार से संत रविदास गेट तक विरोध मार्च निकाला और केंद्र सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा शिक्षण संस्थाओं को स्वायत्त घोषित करने के साथ रोस्टर व्यवस्था को विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में आरक्षण को खत्म करने की साजिश करार दिया।

बुधवार, 4 अप्रैल 2018

FAKE NEWS पर प्रधानमंत्री को संत बनने का कोई अधिकार नहीं- रवीश कुमार

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने स्पष्ट लिखा है कि फ़ेक न्यूज़ के मामले में प्रधानमंत्री का ट्रैक रिकार्ड ज़ीरो है। पढ़िये उनका पुरा विश्लेषण-

अचानक 13 केंद्रीय मंत्री एक वेबसाइट का लिंक ट्विट करते हैं जिसने चार बड़ी ख़बरों के फ़ेक होने का दावा किया है। इन मंत्रियों में एम जे अकबर भी हैं और स्मृति ईरानी भी हैं। मंत्री लिखते हैं कि फ़ेक न्यूज़ के अपनी आवाज़ उठाएं। इंडियन एक्सप्रेस के कृष्ण कौशिक की नज़र इस वेबसाइट पर पड़ती है जिसका पता www.thetruepicture.in दिया गया है। पता चलता है कि इसके डोमेन का पंजीकरण पिछले ही साल कराया गया है। इसमें एक लैंडलाइन नंबर है जो ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन का भी है। ब्लू क्राफ्ट फाउंडेशन प्रधानमंत्री ने जो किताब लिखी है एग्ज़ाम वॉरियर उसका पार्टनर है। एक्सप्रेस के कौशिक कनॉट प्लेस में स्थित ब्लूक्राफ्ट के दफ़्तर जाते हैं जहां दो लोग उन्हें बताते हैं कि वे लोग THETRUEPICTURE के नाम से कोई वेबसाइट नहीं चलाते हैं। सरकारी रिकार्ड से पता चलता है कि ब्लूक्राफ्ट फाउंडेशन नाम की कंपनी राजेश जैन और हितेश जैन के नाम पर 2016 में दर्ज हुई थी। 

मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

काशी की सडकों पर फूंटा बहुजनों का गुस्सा, भारत बंद के समर्थन में भाकपा-माले ने भी निकाला मार्च

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगे "नरेन्द्र मोदी...मुर्दाबाद-मुर्दाबाद" के नारे। पुलिस बनी रही मूकदर्शक।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुुुसूूूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को निष्प्रभावी बनाने में केंद्र सरकार  की भूमिका और बहुजन समुदाय विरोधी उसकी नीतियोंं, खासकर आरक्षण विरोधी, के खिलाफ बहुजनों ने सोमवार को वाराणसी की सड़कों पर प्रतिरोध मार्च निकाला और व्वसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कराया। इसे लेकर पुलिस प्रशासन और भारत बंद समर्थकों में नोक-झोंक भी हुई। इस दौरान "नरेन्द्र मोदी...मुर्दाबाद-मुर्दाबाद" और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद आदि के नारे भी लगे। आखिर में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में भारत बंद कराने सफल रहे। उधर जिला मुख्यालय पर भाकपा माले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिला संयोजक मनीष शर्मा के नेतृत्व में मार्च निकालकर बहुजनों के भारत बंद को समर्थन दिया।

सोमवार, 2 अप्रैल 2018

SC-ST Act को कमजोर करने के फैसले के खिलाफ बहुजनों का भारत बंद आज

वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट में किए गए परिवर्तन के खिलाफ बहुजनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। दलित संगठनों की ओर से बुलाए गए इस बंद को देशव्यापी समर्थन मिल रहा है।

बुधवार, 28 मार्च 2018

ये एंकर अब जन विरोधी गुंडे हैं

पब्लिक ही मेरा संपादक है और मैं पब्लिक न्यूज़ रूम में काम करता हूं...
रविश कुमार की कलम से
हमारा चैनल अब कई शहरों में नहीं आता है। इससे काम करने के उत्साह पर भी असर पड़ता है। शहर का शहर नहीं देख पा रहा है, सुनकर उदासी तो होती है। इससे ज्यादा उदासी होती है कि संसाधन की कमी के कारण आपके द्वारा भेजी गई हर समस्या को रिपोर्ट नहीं कर पाते। कई लोग नाराज़ भी हो जाते हैं। कोई बेगुसराय से चला आता है तो कोई मुंबई से ख़बरों को लेकर चला आता है। उन्हें लौटाते हुए अच्छा नहीं लगता।

शनिवार, 24 मार्च 2018

JNU के आरक्षण विरोधी प्रोफेसर राकेश भटनागर को मिली BHU की कमान

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रो. राकेश भटनागर विश्वविद्यालय परिसर में आरक्षण विरोधी संगठन यूथ फॉर इक्वलिटी के संस्थापक सदस्यों में थे शामिल। भटनागर ने वर्ष 2007 में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का किया था विरोध।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर राकेश भटनागर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के नये कुलपति नियुक्त किये गए हैं। शुक्रवार को देर रात बीएचयू प्रशासन ने ई-मेल जारी कर इस बात की पुष्टी कर दी है। बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर राकेश भटनागर नैनीताल स्थित कुमाऊ विश्वविद्यालय के कुलपति समेत जेएनयू विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रह चुके हैं। साथ ही वे विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच मुखर आरक्षण विरोधी के रूप में जाने जाते हैं।

शुक्रवार, 23 मार्च 2018

भगत सिंह के शहादत दिवस पर उठा भारत में ब्राह्मणवादी फासीवाद का मुद्दा

भगत सिंह 23 साल के जरूर थे लेकिन उनके पास दुनिया को बेहतर बनाने का एक बेहतरीन दर्शन था- प्रमोद बांगड़े
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु एवं पाश के शहादत दिवस के अवसर पर "भगत सिंह छात्र मोर्चा" ने शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय के राधाकृष्णन सभागार में "मौजूदा समय में भगत सिंह, छात्र राजनीति और हम" विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें वक्ताओं ने क्रांतिकारी भगत सिंह के मानवतावादी और आधुनिकतावादी पहलुओं के साथ वर्तमान फासीवादी सरकारों पर चर्चा की।

रविवार, 18 मार्च 2018

‘पगहा-अंगूठी-एंटीना’ से मुक्ति ही सामाजिक न्याय की आवाज को करेगा बुलंद-उदय नारायण चौधरी

सामाजिक समानता संगठन’ के बैनर तले आयोजित ‘सामाजिक न्यायः भूत, वर्तमान और भविष्य’ विषयक गोष्ठी के पहले दिन वक्ताओं ने मंडल आयोग की सिफारिशों और उनके क्रियान्वयन, सामाजिक न्याय आंदोलन में भगत सिंह की भूमिका और मीडिया की वर्तमान भूमिका पर रखे विचार। यूजीसी की नई नियमावली से वंचित समुदाय के प्रतिनिधित्व के खात्मे का भी उठाया सवाल।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी । पगहा, अंगूठी और एंटीना। ये हमारी गुलामी का संदेश देते हैं। सबसे पहले हमें इनसे मुक्ति लेनी होगी।‘पगहा-अंगूठी-एंटीना’ से मुक्ति ही सामाजिक न्याय की आवाज को बुलंद करेगा। पूजा, अंधविश्वास और रूढ़ीवाद के प्रतीक के रूप में हमारे बीच मौजूद पगहा (रक्षा धागा), अंगूठी और एंटीना (चुंडी) से जब तक हम मुक्ति नहीं लेंगे, हमारे साथ सामाजिक अन्याय होता रहेगा। 

UGC की नई नियमावली के खिलाफ बहुजनों ने वाराणसी में प्रधानमंत्री कार्यालय पर किया प्रदर्शन

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों समेत विभिन्न सरकारी और निजी संस्थाओं में आबादी के अनुपात में मांगा आरक्षण, यूजीसी की नई नियमावली को बताया सामाजिक न्याय विरोधी फरमान।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़ी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी की नई नियमावली के खिलाफ बहुजन छात्रों, शिक्षकों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शनिवार को रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया और इस नियमावली को जल्द से जल्द निरस्त करने की मांग की। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बहुजनों को उनकी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिये जाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो उसके खिलाफ पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा।

शनिवार, 17 मार्च 2018

आरक्षण के सवाल पर काशी में आज बजेगा बहुजनों का बिगुल

नाटी इमली में बुद्धिजीवी खोलेंगे सामाजिक न्याय विरोधी सरकारों की पोल तो लंका में बीएचयू गेट से मिनी पीएमओ तक बहुजन छात्र निकालेंगे प्रतिरोध मार्च।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी । देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में हिस्सेदारी के सवाल पर बहुजन छात्र और बुद्धिजीवी आज काशी में आंदोलन का बिगुल फूकेंगे। एक तरफ नाटी इमली स्थित वैश्व समाज सभागार में सामाजिक न्यायः भूत, वर्तमान और भविष्य विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज होगा तो दूसरी तरफ बहुजन छात्र लंका स्थित सिंह द्वार से रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क कार्यालय तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सामाजिक न्याय विरोधी फरमान के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकालेंगे।

गुरुवार, 15 मार्च 2018

BHU: पत्रकारिता विभाग में दुर्व्यवस्थाओं की सड़ांध आई बाहर, छात्रों ने मुख्य द्वार बंद कर दिया धरना

कुलसचिव और विभागाध्यक्ष के लिखित आश्वासन पर छात्रों ने देर शाम स्थगित किया अनिश्चितकालीन धरना।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के पत्रकारिता एवं संप्रेषण विभाग में वर्षों से व्याप्त दुर्व्यवस्थाओं की सड़ांध बुधवार को बार आ गई। विभाग के दर्जनों छात्र विभागीय पुस्तकालय के नियमित संचालन, आधुनिक कंप्यूटर लैब और स्टूडियो की स्थापना, संपादन कक्ष में छात्रों के प्रवेश और पीने योग्य पानी समेत विभिन्न मांगों को लेकर सुबह करीब आठ बजे मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए। इससे कोई भी छात्र, शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी विभाग में प्रवेश नहीं कर सका। थोड़ी देर में पूरे विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया। विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष और चीफ प्राक्टर पूरे दिन आंदोलनकारी छात्रों को मनाते रहे लेकिन वे विश्वविद्यालय प्रशासन से सीमित समय में उक्त समस्याओं का हल किये जाने का लिखित आश्वासन की मांग पर डटे रहे। शाम करीब छह बजे धरना स्थल पर पहुंचे कुलसचिव नीरज त्रिपाठी और विभागाध्यक्ष अनुराग दवे के लिखित आश्वासन पर छात्रों ने अनिश्चितकालीन धरना समाप्त किया।