मंगलवार, 11 जुलाई 2017

BHU: जातिगत उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए छात्रों ने घेरा लंका थाना

पीड़ित असिस्टेंट प्रोफेसर की अगुआई में छात्रों ने लंका स्थित बीएचयू गेट से निकाला प्रतिरोध मार्च।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय के डीन और पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग को लेकर छात्रों ने मंगलवार को लंका स्थित बीएचयू गेट पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने बीएचयू गेट से लंका थाने तक प्रतिरोध मार्च किया और थाने का घेराव भी किया।

पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शोभना नर्लिकर के नेतृत्व में करीब 40 छात्रों का हुजूम भारी बारिश के बीच लंका स्थित बीएचयू गेट के सामने मंगलवार की दोपहर को इकट्ठा हुआ। वे दलित और महिला उत्पीड़न के आरोपी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन प्रोफेसर कुमार पंकज की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। साथ ही पुलिस प्रशासन से मामले में जांच रिपोर्ट की मांग करने लगे। इसके बाद वे मार्च करते हुए संत रविदास गेट की ओर बढ़े और लंका थाने पहुंचकर उसका घेराव कर दिया। 

पीड़ित प्रोफेसर और छात्रों ने पुलिस प्रशासन से मामले में स्टैटस रिपोर्ट की मांग की लेकिन पुलिस वाले जांच क्षेत्राधिकारी के पास होने की बात कहकर भेलूपुर जाने का दबाव बनाने लगे। इस पर पीड़ित महिला प्रोफेसर ने बारिश के बीच छात्रों संघ धरना शुरू कर दिया और क्षेत्राधिकारी के आने तक वहां से नहीं हटने की बात कही। जब पीड़ित प्रोफेसर डॉ. नर्लिकर ने फोन पर क्षेत्राधिकारी से बात की तो वे उन्हें बीएचयू में आकर बात करने की बात कहने लगे। पीड़ित ने थाने में आकर बात करने की बात कही। कुछ समय बाद क्षेत्राधिकारी अखिलेश सिंह मौके पर पहुंचे और वहां मौजूद छात्रों और पीड़िता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश अपने मातहतों को देने लगे। साथ ही वहां मौजूद लोगों को जेल भेजने की धमकी देने लगे। इसके बावजूद भी प्रदर्शनकारी वहीं डटे रहे। 

बाद में क्षेत्राधिकारी  अखिलेश सिंह ने पीड़िता संग बात की और बीएचयू स्थित घटना स्थल पर आकर बयान दर्ज कराने की बात कही। बयान दर्ज करने के बाबत पूर्व में नोटिस या सूचना देने के सवाल पर वे कोई जवाब नहीं दे पाए। बिना पूर्व सूचना के ही वे बयान दर्ज कराने का दबाव बनाने लगे। मामले में बयान दर्ज कराने की पीड़ित महिला प्रोफेसर की सहमति के बाद छात्रों ने करीब एक घंटे बाद थाने का घेराव खत्म किया।  

गौरतलब है कि बीएचयू के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शोभना नर्लिकर ने शनिवार को लंका थाने में कला संकाय के डीन प्रो. कुमार पंकज पर भारतीय दंड संहिता की धारा-504, 506 और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 की धारा-3(1डी) के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराया था। डॉ. शोभना नर्लिकर का आरोप है कि प्रो. कुमार पंकज ने बृहस्पतिवार को उन्हें कला संकाय के डीन कार्यालय में बुलाया और विभाग के शिक्षकों के सामने उनसे अभद्रता की और उन्हें जातिसूचक शब्दों के साथ गालियां दीं। महिला प्रोफेसर का आरोप है कि इस दौरान डीन ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी।

प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख रूप से डॉ. शोभना नर्लिकर, राजीव मौर्य, सुनील कश्यप, अनिता भारती, अमरेंद्र प्रताप सिंह, प्रभात महान, युद्धेश बेमिशाल, निधि वर्मा,आरती सुमन,कृष्ण मोहन, शैलेश, शिद्धान्त, कुणाल, रविन्द्र यादव, संजय यादव, हेमन्त, प्रशांत कुमार,  कृष्ण मोहन लाल, बागी मृत्यंजय, मिनेषी, अतुल यादव, दीपक राजगुरु, ज्ञान वर्धन, सिद्धांत, परमिंदर यादव, नीरज, विनोद शंकर, जागृति, अशोक सिंह, संदीप प्रजापति, प्रवीण कुमार पाल, समेत करीब चार दर्जन लोग शामिल रहे। 

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