BJP लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
BJP लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 23 मई 2020

योगी सरकार ने सरकारी सेवकों के प्रदर्शन और हड़ताल पर लगाई रोक, वर्कर्स फ्रंट ने की निंदा

फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा- "आरएसएस-भाजपा की डरी सरकार आपातकाल की ओर बढ़ी"। सरकार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कही।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी सेवकों और मजदूर संगठनों के किसी भी प्रकार के हड़ताल पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंहल ने शुक्रवार को राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को आदेश जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार कर्मचारियों के आचरण नियमावली-1956 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन कराने को कहा। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश (सेवा संघों की मान्यता) नियमावली-1979 के प्रावधानों के तहत ऐसा करने पर मजदूर संगठनों की मान्यता वापस लेने की धमकी दी है। उधर वर्कर्स फ्रंट ने योगी सरकार के इस आदेश की निंदा की और सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की। साथ ही फ्रंट ने चेतावनी दी कि अगर योगी सरकार ऐसा नहीं करती है तो फ्रंट उसके आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा।

शुक्रवार, 22 जून 2018

वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल का यह सवाल आपको परेशान करेगा

विपक्षी नेता क्या इसलिए खामोश रहेंगे कि मुसलमानों के लिए न्याय की बात करने से कोई काल्पनिक हिंदू ध्रुवीकरण हो जाएगा?

महोदया/महोदय,
मुझे मालूम है कि आप सब आने वाले विधानसभा चुनावों और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त होंगे. आप राज्यस्तरीय, जिलास्तरीय और चुनाव क्षेत्र स्तरीय सभाएं कर रहे होंगे.

रविवार, 20 मई 2018

BJP के पूर्व सांसद ने कोतवाली में की ‘एसपी की ऐसी-तैसी’ और दारोगा को बोला ‘मादर..द’, FIR दर्ज

बीजेपी नेता और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे राम सकल का दारोगा को गाली देते हुए वीडियो हुआ वायरल। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मिर्जापुर। सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम सकल का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह मिर्जापुर जिले के शहर कोतवाली के अंदर ‘एसपी की ऐसी-तैसी’ कर रहे हैं। साथ ही फतहा पुलिस चौकी प्रभारी अश्वनी त्रिपाठी और अन्य पुलिसकर्मियों को भद्दी-भद्दी गालियां देकर बीजेपी की सत्ता का धौंस दिखा रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने दारोगा अश्वनी त्रिपाठी की तहरीर पर शहर कोतवाली में बीजेपी नेता राम सकल के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा-147 (बलवा करने), 353 (सरकारी काम में बाधा डालने के लिए लोकसेवक पर हमला करना), 504 (गाली-गलौज कर अपमानित करना) और 506 (जान से मारने की धमकी देना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है। 

बुधवार, 25 अप्रैल 2018

UGC की नयी अधिसूचना के खिलाफ प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में आरक्षण समर्थकों का हल्लाबोल, आबादी के अनुपात मेंं मांगा आरक्षण

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने और गत 5 मार्च को जारी यूजीसी की अधिसूचना को निरस्त करने की उठी मांग। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले आरक्षण समर्थक छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निकाली आरक्षण बचाओ पदयात्रा।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में भागीदारी के सवाल को लेकर आरक्षण समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) समेत केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को ईकाई मानकर कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थकों ने आज प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र मेंं हल्ला बोला और अपनी आवाज बुलंद की। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले करीब पांच सौ आरक्षण समर्थकों ने वाराणसी के नरिया से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक आरक्षण बचाओ पदयात्रा निकाला और भारतीय संविधान में उल्लेखित प्रतिनिधित्व के अधिकार की मांग की।

आरक्षण समर्थकों ने वाराणसी में खोला मोर्चा, प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का आज करेंगे घेराव


विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने और यूजीसी द्वारा 5 मार्च 2018 को जारी अधिसूचना को निरस्त करने की मांग को लेकर पदयात्रा भी करेंगे आरक्षण समर्थक।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में भागीदारी के सवाल को लेकर आरक्षण समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में मोर्चा खोल दिया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को ईकाई मानकर कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थक आज प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का घेराव कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले होने वाले इस कार्यक्रम के दौरान आरक्षण समर्थकों ने नरिया से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक आरक्षण बचाओ पदयात्रा निकालने का ऐलान भी किया है जिसमें हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है।

शनिवार, 21 अप्रैल 2018

‘संविधान बचाओ आंदोलन’ से डरी सरकार, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल समेत कई गिरफ्तार, चार घंटे बाद रिहा

देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और शिक्षण संस्थानों में प्रतिनिधित्व (आरक्षण) के अधिकार को खत्म करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ दे रहे थे धरना।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। देशव्यापी संविधान बचाओ आंदोलन से डरी केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल और उनके साथियों को शुक्रवार की शाम हिरासत में ले लिया और उन्हें संसद मार्ग थाना में करीब चार घंटे तक बंधक बनाये रखा। इस दौरान उनसे और उनके साथियों के साथ पुलिसवालों ने बदतमिजी भी की। उनके साथी वकीलों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने उन्हें देर रात रिहा किया। 

गुरुवार, 8 मार्च 2018

BJP की मोदी सरकार ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में खत्म किया आरक्षण, जानें कैसे?

कुल 3 पदों वाले विभागों में ST की सीट बनने में कम से कम 50 साल लगेंगे...
written by गंगा सहाय मीणा
अभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में में वंचित तबकों के लोग दिखने ही लगे थे कि अकादमिक क्षेत्र की नौकरियों में संविधान प्रदत्त आरक्षण पर सबसे बड़ा हमला कर दिया गया है। 

शनिवार, 20 जनवरी 2018

BJP की योगी सरकार ने सोनभद्र में रद्द की कृषि विश्वविद्यालय के कैंपस निर्माण की परियोजना

खुद की संपत्ति बढ़ाने में मशगूल जिले के विधायक राज्य सरकार को मुहैया नहीं करा पाये कैंपस निर्माण के लिए भूमि। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
सोनभद्र/लखनऊ। भाजपा की योगी सरकार ने सोनभद्र में कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फैजाबाद के कैंपस निर्माण की परियोजना को समाप्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश शासन की ओर से जारी शासनादेश में परियोजना को समाप्त करने का कारण महाविद्यालय के लिए भूमि का चयन नहीं होना बताया गया है। 

सोमवार, 15 जनवरी 2018

फर्जी नियुक्तियों में RSS की भूमिका को उजागर करने वाले पत्रकारों समेत वनांचल एक्सप्रेस, मीडिया विजिल और नवजीवन पर FIR

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
देश और विभिन्न राज्यों की सत्ता पर काबिज भाजपा और उसके मातृत्व संगठन आरएसएस के फर्जीवाड़ों और घोटालों को उजागर करने वाले पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित करने का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। जिले के रॉबर्ट्सगंज संस्कृत माध्यमिक विद्यालय और राष्ट्रीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय तरावां में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की अवैधानिक नियुक्तियों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थानीय इकाई के पदाधिकारियों की भूमिका उजागर करने वाले दो पत्रकारों शिव दास और अश्विनी कुमार सिंह समेत वनांचलएक्सप्रेस.कॉम, मीडियाविजिल.कॉम और नवजीवनइंडिया.कॉम पर प्रकाशित खबरों का हवाला देकर भारतीय दंड संहिता की धारा-506 (धमकी देने) और आईटी एक्ट की धारा-66 के तहत प्राथमिकी दर्ज  की गई है। गत वर्ष 9 दिसंबर को रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में दर्ज  यह एफआईआर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोनभद्र इकाई के सह विभाग कार्यवाह हरिश्चंद्र त्रिपाठी की तहरीर पर दर्ज की गई है।

मंगलवार, 2 जनवरी 2018

टीवी ने पाकिस्तान और तीन तलाक पर उलझाया तो स्टेट बैंक ने वसूला ग़रीबी पर 1771 करोड़ का ज़ुर्माना

पंजाब नेशनल बैंक ने भी इस ज़बरन वसूली से 97.34 करोड़ कमाए हैं। सेंट्रल बैंक ने 68.67 करोड़ और कैनरा बैंक ने 62.16 करोड़ कमाए हैं। पंजाब और सिंध बैंक ने इस तरह का जुर्माना नहीं लिया है। वह ऐसा करने वाला एकमात्र बैंक है...
रविश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार, एनडीटीवी
स्टेट बैंक आफ इंडिया ने अप्रैल से नवंबर 2017 के बीच उन खातों से 1771 करोड़ कमा लिया है,जिनमें न्यूनमत बैलेंस नहीं था। यह डेटा वित्त मंत्रालय का है। न्यूनतम बैलेंस मेट्रो में 5000 और शहरी शाखाओं के लिए 3000 रखा गया है।

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

अखिलेश यादव जी! कौन आप जैसे 'अहीर' के हिन्दुत्व की बात सुनेगा?

यह पोस्ट फेसबुक पर राजेश कुमार यादव  जी के टाइमलाइन से ली गई है जो खुद को उच्च न्यायालय इलाहाबाद का अधिवक्ता बताते हैं। उन्होंने यह विश्लेषणात्मक पत्र उस खबर के आधार पर लिखा है जिसमें दावा किया गया है कि हिन्दुत्व की राह चलेगी सपा। पढ़िये उनका जोरदार यह कटाक्ष...
क्या अखिलेश जी ! आप भी हद कर देते हैं।अब आप भाजपा के हिंदुत्व का मुकाबला 2019 में सपाई हिंदुत्व से करेंगे?आपकी कार्यप्रणाली और आपके नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविंद चौधरी जी के व्यक्तव्यों को देखकर एजेंसी को यह समीक्षात्मक खबर छापनी पड़ी है कि सपा हिंदुत्व की राह चलेगी।मैंने आपसे मुतल्लिक यह बयान जनेश्वर मिश्र पार्क घूमते समय पढा।मै आपसे सम्बंधित इस बयान "हिंदुत्व की राह पर चलेगी सपा, भाजपा को साबित करेगी हिन्दू विरोधी" पढ़कर बड़ी देर तक हंसा फिर आंखे डबडबा गयीं कि आखिर क्या हश्र होने वाला है पिछड़ो/दलितों/अल्पसंख्यको की राजनीति का?क्या अब कोई दूसरा अम्बेडकर,कांशीराम,लोहिया,पेरियार, ललई सिंह यादव,फुले,छत्रपति शाहू जी,वीपी सिंह,रामस्वरूप वर्मा,जगदेव कुशवाहा आदि नही जन्मेगा?

रविवार, 10 दिसंबर 2017

RSS की फर्जी नियुक्तियों का खेल, पूर्व DIOS और दो पूर्व पत्रकारों समेत 12 पर FIR दर्ज

अवैधानिक रूप से नियुक्त लिपिक और शिक्षकों में हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों के रिश्तेदारों का नाम शामिल। फर्जी नियुक्ति के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक हरिश्चंद्र त्रिपाठी उर्फ हरीश जी का जुड़ रहा नाम।

शिव दास और अश्विनी सिंह की संयुक्त रिपोर्ट

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अयोग्य लोगों की नियुक्तियों के बाद अब सरकारी सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों और संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो दर्जन से ज्यादा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला सामने आया है। हालांकि सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक ने गत माह की आखिरी तारीख को रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक और दो पूर्व पत्रकारों समेत कुल एक दर्जन लोगों के खिलाफ ही जाली शासनादेश तैयार कर फर्जीवाड़ा करने और सरकारी धन का गबन करने समेत विभिन्न आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराया है। आरोपियों में सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात आशुलिपिक और लेखाकार समेत राबर्ट्सगंज संस्कृत माध्यमिक विद्यालय और राष्ट्रीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय तरावां के कुल आठ सहायक अध्यापकों के नाम भी शामिल हैं। एफआईआर में दर्ज नामों में हिन्दू युवा वाहिनी और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों के रिश्तेदारों के नाम भी हैं। उपलब्ध दस्तावेज और आरोपों की मानें तो इन फर्जी नियुक्तियों के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत इकाई से संबद्ध सोनभद्र इकाई के पूर्व प्रचारक का हाथ है जो रॉबर्ट्सगंज स्थित रॉबर्ट्सगंज संस्कृत महाविद्यालय में फर्जी ढंग से प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति पाई है।

गुरुवार, 12 अक्तूबर 2017

राजनीति आज देश का खजाना लूटने का धंधा है- विजय नारायण

संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए चौधरी राजेंद्र और मंचासीन अनीता
भारती, डॉ. दुर्गा श्रीवास्तव, अमरनाथ और विजय नारायण।
लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती और डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर आयोजित लोकतंत्रः गतिरोध और संभावनाएं विषयक संगोष्ठी में समाजवादियों, गांधीवादियों और वामपंथियों ने व्यक्त किये विचार।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। लोकनायक जय प्रकाश नारायण और डॉ. राम मनोहर लोहिया राजनीतिक और वैचारिक प्रतिबद्धता और समर्पण के प्रतीक हैं। उनका ना कोई घर था और ना ही कोई निश्चित पता। आज राजनीति से विचारधाराएं गायब हो गई हैं। उनकी जगह संप्रदायवाद और जातिवाद ने ले लिया है। राजनीति आज देश का खजाना लूटने का धंधा बन चुकी है।

सोमवार, 9 अक्तूबर 2017

बहुजन नायकों के विचारों की गलत व्याख्या कर रही भाजपा

मान्यवर कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्र कार्यक्रम आयोजन समिति की ओर से आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने बहुजन आंदोलन की दशा और दिशाविषयक गोष्ठी में रखी अपनी बात।  
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। आरएसएस और उसके राजनीतिक संगठन भाजपाके नेता बहुजन आंदोलन के नायकों की मूल रचनाओं पर अंकुश लगाकर युवाओं के सामने उसकी गलत व्याख्या पेश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों समेत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं को अपना हथियार बनाया है। उनके इस मकसद में बहुजन समुदाय के कुछ सत्तालोलुप और मौकापरस्त लोग उनकी सहायता कर रहे हैं जिनसे हमें सतर्क रहना है। ऐसे लोग बहुजन आंदोलन को खत्म करना चाह रहे हैं लेकिन बहुजन नायकों के विचारों की तपिश में ऐसी ताकतें भस्म हो जाएंगी और बहुजन राज करेंगे।

शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

BHU: VC के बुने जाल में फंसे सभी, ये था असली ‘एजेंडा’ (भाग-2)


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से उनका जुड़ाव और इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की राजनीति इसमें उनकी मदद भी कर रही है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के बिना यह पूर्ण रूप से संभव नहीं है। जरूरी है कि कुलपति महोदय अपनी ओर उनका ध्यान खींचे और पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा साबित कर सकें। लेकिन, कैसे? यही उनके लिए चुनौती थी...
शिव दास
त 21-27 सितंबर। यही वह अवधि थी जब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में नियुक्तियों और पदोन्नतियों के लिए साक्षात्कार चल रहा था। विश्वविद्यालय प्रशासन पर नियुक्तियों में धांधली का आरोप भी लगे रहे थे। वंचित समुदाय के छात्र मनमाने ढंग से की जा रही नियुक्तियों को लेकर पिछले दो महीने से विरोध-प्रदर्शन कर विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों के तहत प्रतिनिधित्व का अधिकार मांग रहे थे और विश्वविद्यालय प्रशासन की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय समेत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उससे जवाब मांगा था। संसद की पिछड़ा वर्ग समिति ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन से नियुक्तियों में धांधली और प्रतिनिधित्व के संवैधानिक अधिकार पर जवाब तलब किया था। सबसे महत्वपूर्ण बात इसी एक सप्ताह की अवधि के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी का प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार छीनने वाला था और दूसरे कार्यकाल के लिए उनकी कोशिश नाकाम हो चुकी थी।

गुरुवार, 28 सितंबर 2017

BHU: VC के बुने जाल में फंसे सभी, ये था असली ‘एजेंडा’-भाग-1

दरअसल इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी बतौर कुलपति काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में दूसरा कार्यकाल चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एड़ी-चोटी तक जोर लगा दी थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। जब उन्हें विश्वास हो गया कि उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिलेगा तो उन्होंने आलाकमान के सामने अपने वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा जो उन्हें मिल गई। उन्होंने इसका फायदा भी बखूबी उठाया...
शिव दास
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छेड़खानी और उसके बाद उपजे हालात पर कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी का अड़ियल रवैया अनायास नहीं था। यह उनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था! इसमें विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों समेत पत्रकार, नेता, पुलिस, प्रशासन और सरकार, सभी फंस गए। पिछले एक महीने से विश्वविद्यालय प्रशासन की गतिविधियों की पृष्ठभूमि में छिपे हालात और छात्राओं के आंदोलन के बाद कुलपति की गतिविधियां कुछ ऐसा ही इशारा कर रही हैं।

शनिवार, 23 सितंबर 2017

BHU की छात्राओं ने तोड़ी कुलपति की बेड़ियां, रात भर किया प्रदर्शन, कुलपति के आवास को भी घेरा

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लगातार हो रही छेड़खानी के विरोध में सिंह द्वार पर पिछले 28घंटे से चल रहा है छात्राओं का धरना। छात्राओं के तीखे तेवर देखकर जिला प्रशासन ने बदला प्रधानमंत्री के दुर्गा मंदिर जाने का पूर्व निर्धारित रास्ता। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्राओं ने शुुक्रवार की रात संस्कृति के नाम पर संघी कुलपति गिरीश चंंद्र त्रिपाठी द्वारा थोपी गई पाबंदियों को तोड़ दिया और छेड़खानी के विरोध मेें पूरी रात धरना प्रदर्शन किया। रात में ही छात्राओं ने कुलपति के आवास का घेराव किया। उधर विश्वविद्यालय परिसर में लगातार छेड़खानी से परेशान छात्राओं के तीखे तेवर देख जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्व निर्धारित रास्ता ही बदल दिया जो बीएचयू के सिंह द्वार से दो बार गुजरना था।

सोमवार, 11 सितंबर 2017

BHU: यौन शोषण के आरोपी चिकित्सा अधीक्षक की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने निकाला सर्वदलीय न्याय मार्च

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में गत 5-7 जून को जहरीली गैस से हुई मरीजों की मौतों को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति ने खोला मोर्चा। हजारों की संख्या में राजनीतिज्ञों, नागरिकों और छात्रों ने बीएचयू से प्रधानमंत्री कार्यालय तक किया मार्च।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में गत 5-7 जून को कथित रूप से करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा मरीजों की मौत को लेकर स्थानीय नागरिकों समेत विपक्षी दलों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भाकपा, आम आदमी पार्टी, फारवर्ड ब्लॉक आदि राजनीतिक पार्टियों के स्थानीय नेताओं ने सोमवार को संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों की संख्या में लंका स्थित बीएचयू गेट से रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क कार्यालय तक मार्च किया और सर सुंदरलाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ओपी उपाध्याय को बर्खास्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने डॉ. ओपी उपाध्याय को यौन शोषण और दुष्कर्म का आरोपी भी बताया और उसकी गिरफ्तारी की मांग की।

सोमवार, 4 सितंबर 2017

अब तो BHU के नाम से दहशत हो गया है...


बेटी के गम में डूंबी शकुंतला और उनकी बेटी पूनम शर्मा
5-7 जून 2017। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का सर सुंदरलाल अस्पताल। कहीं शव पर सिर पटककर रोती महिलाएं तो कहीं कानों के परदे को चिरतीं चीखें। किसी के सपने टूटें तो किसी के रिश्ते। कोई जिम्मेदारियों से मुकरा तो कोई बांधा झूठ का पुलिंदा। इन सबके बीच थे तो कुछ सवाल जो अभी भी जवाब खोज रहे हैं। आखिर कौन है मौत का सौदागर? विश्वविद्यालय प्रशासन, चिकित्सक, ठेकेदार या फिर दवा बनाने वाली कंपनियां। कातिल कोई भी हो लेकिन असल में कुछ घर बर्बाद जरूर हुए। किसी के सिर से पिता का साया छिना तो किसी भाई की कलाई की राखी। किसी की मांग का सिंदूर उजड़ा तो किसी के परिवार का सहारा। और ये हुआ है कुछ गैर-जिम्मेदार लोगों की वजह से जिन्होंने चंद नोटों की लालच में मासूमों की जिंदगी का सौदा कर लिया। अब हालात ऐसे हैं कि लोग बीएचयू के नाम से खौफ खाते हैं। पढ़िये वनांचल एक्सप्रेस-मीडिया विजिल की यह संयुक्त रिपोर्टः   
वाराणसी से शिव दास की रिपोर्ट
ब तो बीएचयू के नाम से दहशत हो गया है, एकदम डर गये हैं भैया। बाहर ऑपरेशन कराते तो 25 हजार रुपये में आवारा-न्यारा हो जाता। क्या बताएं भैया जब मति भ्रष्ट होती है और जब तबाही आती है तो...वही तबाही आयी। अब देखिए जान बचती भी है कि नहीं। कुल मिलाकर 60-65 हजार रुपये भी इनवेस्ट हुआ और स्थिति ये है। हिम्मत नहीं पड़ रही है कि दोबारा वहां जाएं। और वहां गए तो कहीं ऐसी दवा मिल जाए कि वह सोयी की सोयी रह जाएं।

रविवार, 3 सितंबर 2017

सर्वदलीय बैठक में गूंजा बीएचयू अस्पताल में मौतों का मुद्दा, होगा आंदोलन

सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते पूर्व विधायक अजय राय
हैंड्स ऑफ महामना एरा ने गैर-राजग पार्टियों की बुलाई थी सर्वदलीय बैठक। जनविरोधी बीएचयू प्रशासन और सत्ताधारी बीजेपी की नीतियों के भंडाफोड़ पर बनी सहमति।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में जहरीली नाइट्स आक्साइड गैस से हुई मौतों के मामले को लेकर नरिया स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान के सभागार में शनिवार को एनडीए विरोधी राजनीतिक पार्टियों की सर्वदलीय बैठक हुई। हैण्ड्स ऑफ महामना एरा बैनरतले आयोजित इस बैठक में वक्ताओं ने सर्वसम्मति से बीएचयू प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ जनांदोलन छेड़ने का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने सामुहिक रूप से मार्च निकाल कर विश्वविद्यालय प्रशासन और बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने का निर्णय लिया।