शनिवार, 23 जनवरी 2016

ROHIT VEMULA: विरोध के स्वर को मिला देशव्यापी समर्थन, प्रदर्शन जारी


बंडारू दत्तात्रेय, पी. अप्पा राव, स्मृति इरानी को उनके पदों से बर्खास्त करने की मांग हुई तेज।

वनांचल न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली/इलाहाबाद। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित वेमुला की खुदकुशी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के दो मंत्रियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आज भी देश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ। लोगों ने विश्वविद्यालय के कुलपति, केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति इरानी को उनके पदों से बर्खास्त करने की मांग की। साथ ही रोहित की खुदकुशी के मामले में आरोपी लोगों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। उधर केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने रोहित के परिजनों को आठ लाख रुपये का मुआवजा देने और पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने का निर्देश दिया है। हैदराबाद, दिल्ली, लखनऊ, दिल्ली, पूणे, मुंबई, इलाहाबाद, वाराणसी, आदि शहरों में शनिवार को भी जबरदस्त प्रदर्शन हुए।

हैदराबाद में रोहित वेमुला के साथ निकाले गए छात्रों समेत करीब सैकड़ों लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कई छात्र अभी भी अनशन पर बैठे हुए हैं। दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किये गए। शुक्रवार को जेएनयू में भी प्रदर्शन हुए थे। वहीं इलाहाबाद में आज छात्र युवा, बुद्धिजीवी, पत्रकार, मजदूर, किसान सब एक साथ सड़क पर निकले। इस दौरान एक प्रतिरोध मार्च निकाला गया जो पीडी टंडन पार्क से सुभाष बोस चौराहे पर जाकर एक सभा में तब्दील हो गया। इनमें जिया उल हक़, रवि किरण जैन, लेखक दूध नाथ सिंह, प्रलेस अध्यक्ष प्रो. संतोष भदौरिया, प्रो. अली अहमद फातमी, डा. उर्मिला जैन, प्रो. अनिता गोपेश, के.के. पांडे, जसम के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. प्रणय कृष्ण, सुरेन्द्र राही, खुर्शीद नकवी, डा. अशफाक हुसैन, डा. फखरुल करीम, इलाहाबाद विवि छात्र संघ अध्यक्ष ऋचा सिंह, असरार गाँधी, रणविजय सिंह सत्यकेतु, डा. अनिल पुष्कर, डा. शमेनाज़, डा. अंशुमान , रोजी रोटी बचाओ संघर्ष मोर्चा से अनु सिंह गीता, बृजेश ,आरती, सीमा आज़ाद ,रश्मि मालवीय, अविनाश मिश्र, शहनाज़, उत्पला, ऋतेश, छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शालू यादव, केके त्रिपाठी, मीना राय, नीलम शंकर , अमृता सिंह  आदि मौजूद रहे।  

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में रोहित सहित पांच दलित छात्रों को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद निलंबित कर दिया गया था। यह सब दिल्ली विश्वविद्यालय में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग पर एबीवीपी के हमले के बाद शुरू हुआ था। दलित छात्रों ने एबीवीपी के इस कदम की निंदा करते हुए इसके विरोध में कैम्पस में प्रदर्शन किया था। इसके बाद इन छात्रों को हॉस्टल से दिसंबर में निकाल दिया गया। गत रविवार को इनमें से एक रोहित वेमुला ने खुदकुशी कर ली थी। इसे लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में छात्र संगठनों समेत अन्य लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

विश्वविद्यालय के एक दर्जन से ज्यादा दलित फैकल्टी ने आज केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी के बयान को लेकर सभी प्रशासनिक पदों से इस्तीफा दे दिया। इनमें मुख्य चिकित्साधिकारी कैप्टन रविंद्र कुमर, परीक्षा नियंत्रक प्रो. वी. कृष्णा, मुख्य वार्डन डॉ. जी. नागाराजू और एक दर्जन अन्य फैकल्टी सदस्य शामिल हैं। इससे विश्वविद्यालय और दबाव में आ गया और उसने जल्द ही कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाई। इसमें खुदकुशी करने वाले शोधार्थी रोहित वेमुला के चार साथियों का निलंबन वापस लेने का निर्णय लिया गया।  

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