रविवार, 15 मई 2016

पत्रकारों की हत्या और गिरफ्तारी पर मुखर हुए जनसंगठन


पत्रकार पुष्प शर्मा की गिरफ्तारी केंद्र की मोदी सरकार के दमन का प्रतीक- रिहाई मंच

वनांचल न्यूज नेटवर्क

लखनऊ। देश के विभिन्न इलाकों में हो रही पत्रकारों की हत्या को लेकर जन-पक्षधर संगठनों के साथ-साथ विभिन्न पत्रकार संगठनों ने सत्ताधारी पार्टियों को निशाने पर लिया है। मुसलमानों को योगा ट्रेनिंग के चयनित लोगों में मुसलमानों को शामिल नहीं करने से संबंधित खबर को ब्रेक करने वाले पत्रकार पुष्प शर्मा की गिरफ्तारी के मामले को रिहाई मंच ने केंद्र की मोदी सरकार में बढ़ रहे दमन का ताज़ा नज़ीर करार दिया है। साथ ही उसने बिहार और झारखंड में हाल ही में हुए दो पत्रकारों की हत्या को लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया और इसमें शामिल हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है।

रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के महासचिव राजीव यादव ने भारत सरकार द्वारा योगा ट्रेनिंग में नीतिगत आधार पर मुसलमानों की नियुक्ति न करने का आरटीआई से खुलासा करने वाले पत्रकार पुष्प शर्मा की गिरफ्तारी और उक्त खबर को छापने वाले अखबार मिल्ली गजट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को मोदी सरकार की एक और ओछी हरकत बताया। उन्होंने कहा है कि इस मसले पर आयुश मंत्रालय द्वारा बिना अखबार से खबर के संदर्भ में कोई पूछताछ किए मुकदमा दर्ज करना साबित करता है कि आरटीआई में उजागर तथ्य बिल्कुल सही हैं और सरकार ने बदले की भावना के तहत पत्रकार को उत्पीड़ित करने के लिए जेल भेजा है। उन्होंने कहा कि इस मसले पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा पत्रकार के पक्ष में खड़े होने के बजाए खुलकर सरकार का पक्ष लेना साबित करता है कि पीसीआई जैसी संस्था का भी भगवाकरण हो गया है।

वहीं उन्होंने बिहार के सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन और झारखंड चतरा में अखिलेश प्रताप सिंह की हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि ये घटनाएं साबित करती हैं इन राज्यों में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। उन्हांने दोनों मामलों में दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।

उधर, ऑल इंडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन, डेलही यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट, उपजा, भारतीय पत्रकार संगठन समेत देश के विभिन्न पत्रकार संगठनों ने बिहार और झारखंड में हुए दो पत्रकारों की हत्या की लिए सत्ताधारी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्होंने मांग की कि हत्या में शामिल सभी लोगों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और पत्रकारों के परिजनों को मुआवजा मुहैया कराया जाए। 

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