रविवार, 28 नवंबर 2021

हत्या और उत्पीड़न के खिलाफ कुम्हारों ने घेरा विधानसभा, सैकड़ों की हिरासत के बाद प्रशासन ने सुनी फरियाद

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) ने भारतीय संविधान दिवस पर किया था आह्वान। कुम्हार (प्रजापति) अधिकार शौर्य संगठन, प्रजापति अंतरविश्वविद्यालयी विद्यार्थी (PIUS) और अखिल भारतीय प्रजापति (कुम्भकार) महासंघ, कुम्भार महासभा राजस्थान और रिहाई मंच का मिला था समर्थन। लोकबंधु भवन में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की वजह से तैनात हजारों पुलिस बल को चकमा देकर दर्जनों की संख्या में कुम्हारों ने ठीक विधानसभा के द्वार के सामने किया प्रदर्शन। पीएस4 प्रमुख छेदीलाल प्रजापति 'निराला' ने भाजपा की योगी सरकार पर जाति आधार पर कुम्हारों की हत्या कराने का लगाया आरोप। कहा- भाजपा की योगी सरकार में 60 से ज्यादा कुम्हारों की हो चुकी है हत्या। पिछले दो सालों के दौरान ही 15 वारदातों में हुई है 19 कुम्हारों की हत्या। जाति देखकर योगी सरकार देती है हत्या पीड़ितों को मुआवजा और नौकरी।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार के दौरान लगातार हो रही हत्या और उत्पीड़न को लेकर कुम्हारों ने भारतीय संविधान दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश विधानसभा का घेराव किया। लोकबंधु भवन में चल रहे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनज़र मौके पर तैनात हजारों पुलिसकर्मियों को चकमा देते हुए दर्जनों की संख्या में विधानसभा पहुंचे कुम्हारों को पुलिस ने तुरंत ही हिरासत में ले लिया। इसे लेकर उनके बीच करीब आधे घंटे तक झड़प होती रही।

बाद में पुलिस ने उन्हें बसों में भरकर इको गॉर्डन भेज दिया जहां वे शाम तक धरने पर बैठे रहे और नारेबाजी की। जिला प्रशासन की ओर से शाम को पहुंचे एसीपी ने उनसे राज्यपाल को संबोधित पांच सूत्री मांगों वाला उनका ज्ञापन लिया। इसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न के सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने, कुम्हारों की हत्या, उत्पीड़न और बलात्कार की सभी घटनाओं की जांच न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में कराने, लखनऊ जिला कारागार में रुपेश कुमार प्रजापति की हत्या और गोरखपुर में फर्जी पुलिस मुठभेड़ में विजय प्रजापति की हत्या की जांच सीबीआई से कराने, हत्या के शिकार कुम्हारों के परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, कुम्हारों की पट्टे वाली जमीन पर अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाने की मांग की है। 

विधान घेराव के दौरान पीएस4 प्रमुख छेदीलाल प्रजापति 'निराला' और समाजसेवी सत्यवीर प्रजापति को गिरफ्तार करती पुलिस।

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) ने भारतीय संविधान दिवस (26 नवम्बर) पर सुबह 11 बजे से उत्तर प्रदेश में कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न को लेकर विधानसभा घेराव का आह्वान किया था। इस संबंध में पीएस4 प्रमुख छेदीलाल प्रजापति 'निराला' ने बृहस्पतिवार को यूपी प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता की थी।

यूपी प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान पीएस4 प्रमुख छेदी लाल प्रजापति 'निराला'। साथ में हैं राजीव यादव, मंशाराम राजभर, राजेश प्रजापति, चेखुर प्रजापति, रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब, डॉ. वरदानी प्रजापति, सत्यवीर प्रजापति व अन्य।

पत्रकार वार्ता के दौरान गोरखुपर से पुलिस मुठेभेड़ में मारे गए विजय प्रजापति की पत्नी प्रमिला प्रजापति, सीतापुर से लखनऊ जिला कारागार में संदिग्ध मौत के शिकार रुपेश कुमार प्रजापति की पत्नी लाली देवी और वाराणसी से पलम्बर कन्हैया लाल प्रजापति की पत्नी माया प्रजापति समेत दर्जनों पीड़ितों ने कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न की घटनाओं की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।


 भारतीय संविधान दिवस पर सुबह 10 बजे से लोकबंधु भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम था जिसमें राष्ट्रपति राम कोविंद के साथ भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़ा जाना था। इसके मद्देनजर विधानसभा भवन के चारों तरफ हजारों की संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। सुबह 11 बजे से निर्धारित कुम्हारों के विधानसभा घेराव को देखते हुए पुलिस प्रशासन भाजपा प्रदेश कार्यालय तिराहा और अंबेडकर महासभा भवन चौराहा से विधानसभा आने वाले हर राहगीर को रोककर पूछताछ कर रही थी। चार लोगों को एक साथ विधानसभा की ओर जाने नहीं दे रही थी। 

करीब सवा 11 बजे विधानसभा भवन के द्वार संख्या-3 के सामने अचानक दर्जनों की संख्या में पीएस4 प्रमुख छेदीलाल प्रजापति 'निराला', संरक्षक चेखुर प्रसाद प्रजापति, महासचिव राजेश प्रजापति, उपाध्यक्ष जीउत लाल, महेश प्रजापति, मुनीब, अखिलेश प्रजापति, समाजसेवी सत्यवीर प्रजापति और डॉ. वरदानी प्रजापति और अखिल भारतीय प्रजापति (कुम्भकार) महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल प्रजापति, कुम्हार (प्रजापति) अधिकार शौर्य संगठन के रमेश चंद्र प्रजापति उर्फ पप्पू, प्रजापति अंतरविश्वविद्यालयी विद्यार्थी (PIUS)समूह के अखिलेश कुमार, रिहाई मंच के पुलकित, नावेद माजिद, मंशा राजभर नारेबाजी करने लगे। दो मिनट के अंदर ही पुलिस वहां पहुंच गई और उनके बैनर और पंपलेट को फाड़ दिया। इसे लेकर करीब 15 मिनट तक पुलिस से उनकी झड़प होती रही। उनकी ओर बढ़ रहे कुम्हारों को पुलिस तुरंत ही हिरासत में लेकर बसों में भरने लगी। 

पुलिस और कुम्हारों के बीच करीब आधे घंटे तक यह दौर चलता रहा। इस दौरान प्रदर्शनकारी कुम्हार भाजपा सरकार मुर्दाबाद...योगी सरकार मुर्दाबाद...कुम्हारों के हत्यारों को गिरफ्तार करो...हत्या, उत्पीड़न और बलात्कार के शिकार कुम्हारों को न्याय दो...कुम्हारों के पट्टे की जमीनों से अवैध कब्जा हटाओ, आदि नारे लगाते रहे। बाद में पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारी कुम्हारों को दो बसों में भरकर इको गार्डेन भेज दिया जहां वे धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करते रहे। 

कुछ ही देर में पीड़ित परिवारों की महिलाएं, पुरुष और बच्चे भी पहुंच गए जिसमें विजय प्रजापति की पत्नी प्रमिला प्रजापति, रुपेश कुमार प्रजापति की पत्नी लाली देवी और कन्हैया लाल प्रजापति की पत्नी माया प्रजापति शामिल थीं। बाद में अखिल भारतीय प्रजापति (कुम्भकार) महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राम पाल प्रजापति और रीता प्रजापति भी इको गार्डेन पहुंचे। सैकड़ों की संख्या में कुम्हार समुदाय के लोग शाम तक इको गार्डेन में ही धरना देते रहे और नारेबाजी करते रहे। 

पीएस4 प्रमुख छेदीलाल प्रजापति 'निराला' और सत्यवीर प्रजापति को हिरासत में लेती पुलिस

विधानसभा घेराव के दौरान पीएस4 प्रमुख छेदीलाल प्रजापति 'निराला' ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार के दौरान कुम्हार समुदाय के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं। पिछले साढ़े चार सालों के दौरान उत्तर प्रदेश में कुम्हार समुदाय के करीब 60 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। पिछले दो सालों के दौरान कुम्हार समुदाय के लोगों के साथ हुई 15 घटनाओं में ही 19 लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। ये घटनाएं यह बताती हैं की भाजपा की योगी सरकार जाति आधार पर कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न करा रही है। पीड़ित परिवारों की बार-बार लिखित शिकायतों के बाद भी ना ही संगत धाराओं में एफआईआर दर्ज किया जा रहा है और ना ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। अब तो पुलिस संरक्षण में ही कुम्हारों की हत्या कर दी जा रही है। लखनऊ जिला जेल में रुपेश कुमार प्रजापति की हत्या और गोरखपुर में फर्जी पुलिस मुठभेड़ में विजय प्रजापति की हत्या ऐसे ही उदाहरण हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश में कुम्हार समुदाय के लोगों की हुई हत्याओं और उत्पीड़न की सभी घटनाओं की जांच न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में कराने की जरूरत है।

इको गार्डेन में पीएस4 महासचिव राजेश प्रजापति ने कहा कि एक साल पहले मैनपुरी में कुम्हार समुदाय के एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा फूंक दिया गया लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सत्ताधारी और विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के मुखियाओं के मुख से संवेदना के एक शब्द नहीं निकले। कुम्हार समुदाय के लोगों द्वारा डेढ़ महीने तक आंदोलन चलाने के बाद सत्ताधारी भाजपा की सरकार ने पीड़ित परिवार को महज पांच लाख रुपये दिए। जबकि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने ब्राह्मण और बनिया समुदाय के एक व्यक्ति की हत्या होने पर उनके परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और समूह 'क' की नौकरी दी। हत्या जैसे संगीन मामले में भी भाजपा सरकार जाति आधार पर पीड़ितों की सहायता और न्याय में भेदभाव कर रही है। मैनपुरी मामले ही में आज तक ठाकुर समुदाय के आरोपी के खिलाफ ना ही कोई मुकदमा लिखा गया और ना ही उसकी गिरफ्तारी की गई जबकि पीड़िता ने मरने से पहले कैमरे के सामने खुद उसका नाम लिया था। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के केराकतपुर गांव में प्लंबर कन्हैयालाल प्रजापति की दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या में शामिल ठाकुर(भूमिहार) जाति का एक आरोपी आज तक गांव में खुला घूम रहा है। जिला प्रशासन ने बंदूक की नोंक पर कन्हैयालाल प्रजापति के शव का अंतिम संस्कार करा दिया। उस समय प्रशासन ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये और मृतक की पत्नी को आंगनबाड़ी की नौकरी देने का वादा किया था जिसे उसने आज तक पूरा नहीं किया। गोरखपुर में पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में विजय प्रजापति की हत्या कर दी लेकिन ठाकुर और ब्राह्मण समुदाय के आरोपियों को कुछ नहीं किया। 

इको गार्डेन में धरने पर बैठकर विरोध दर्ज कराते कुम्भार समुदाय के लोग।

पीएस4 संरक्षक चेखुर प्रजापति ने कहा कि लखनऊ जिला कारागार में बंद विचाराधीन कैदी रुपेश कुमार प्रजापति की हत्या न्यायिक अभिरक्षा में कर दी गई लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई दंडनात्मक कार्रवाई नहीं की। पीड़ित परिवार की तहरीर पर एफआईआर तक नहीं लिखी गई। जेल प्रशासन कह रहा है कि रुपेश ने आत्महत्या की है जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर आठ से ज्यादा चोटों के निशान हैं। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति पर चोटों के निशान कहाँ से आए? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि उसके गले की नसें सामान्य थीं जबकि आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के गले की नसें टूटी मिलती हैं। इसलिए रुपेश की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की जरूरत है। ऐसे ही कुम्हार समुदाय के लोगों की हत्या, उत्पीड़न और बलात्कार के हजारों मामले हैं जिसमें उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जाति देखकर कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की। कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न के मामले में विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने भी न्याय के लिए कोई आवाज़ नहीं उठाई और ना ही आंदोलन किया। ऐसे में सत्ता और ऊंची जातियों से कुम्हार समुदाय के लोगों की सुरक्षा का सवाल खड़ा हो गया है। इसे हम सभी को मिलकर हर हाल में रोकना होगा और कुम्हार समुदाय के पीड़ितों को न्याय दिलाना होगा। कुम्हार समुदाय के लोगों की हत्या, उत्पीड़न और बलात्कार के आरोपियों को जेल भेजना होगा।

समाजसेवी सत्यवीर प्रजापति ने कहा कि गोरखुपर में मनीष प्रजापति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई लेकिन आज तक सभी हत्यारोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी और ना ही सत्ताधारी भाजपा सरकार मनीष प्रजापति को कोई मुआवजा दी। उत्तर प्रदेश ग्राम विकास विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डॉ. वरदानी प्रजापति ने कहा कि सरकार कुम्हारों के मामले में दोहरा रवैया अपना रही है जिसे उसे हर हाल में बंद करना होगा। हत्या, उत्पीड़न और बलात्कार के शिकार लोगों को हर हालत में न्याय देना होगा। 

कुम्हार समुदाय के लोगों को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस।

अखिल भारतीय प्रजापति (कुम्भकार) महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राम पाल प्रजापति ने विधानसभा घेराव के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जाति आधार पर कुम्हारों की हत्या कर रही है। इसे उसे हर हाल में बंद करना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो आगामी विधानसभा चुनाव में कुम्हार समुदाय भाजपा का बहिष्कार करेगा। जरूरत पड़ी तो कुम्हार समुदाय न्याय के लिए संसद का घेराव भी करेगा।

जिला प्रशासन की ओर से शाम को इको गार्डेन पहुंचे संबंधित एसीपी ने कुम्हारों से राज्यपाल को संबोधित पांच सूत्री ज्ञापन लिया। 


इसमें उत्तर प्रदेश में कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न के सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने, कुम्हारों की हत्या, उत्पीड़न और बलात्कार की सभी घटनाओं की जांच न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में कराने, लखनऊ जिला कारागार में रुपेश कुमार प्रजापति की हत्या और गोरखपुर में फर्जी पुलिस मुठभेड़ में विजय प्रजापति की हत्या की जांच सीबीआई से कराने, हत्या के शिकार कुम्हारों के परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, कुम्हारों की पट्टे वाली जमीन पर अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाने की मांग की गई है।

बता दें कि प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) के प्रमुख छेदीलाल प्रजापति 'निराला' की ओर से संविधान दिवस पर घोषित विधानसभा घेराव को प्रजापति अंतरविश्वविद्यालयी विद्यार्थी (PIUS) समूह, कुम्हार (प्रजापति) अधिकार शौर्य संगठन मिर्जापुर, कुम्हार महासभा राजस्थान, अखिल भारतीय प्रजापति (कुम्भकार) महासंघ और रिहाई मंच का समर्थन मिला था। विधानसभा घेराव कार्यक्रम के दौरान पीएस4 के मिर्जापुर जिला संयोजक सोहन लाल प्रजापति उर्फ रिंकू, पीएस4 मीडिया प्रभारी राजेश वर्मा, शंकर प्रजापति,  श्यामलाल प्रजापति, शिव दुलार प्रजापति, सीताराम प्रजापति, नंदा प्रसाद शास्त्री, बनारसी पटेल, राकेश प्रजापति, अजय प्रजापति, अखिल भारतीय प्रजापति (कुम्भार) महासंघ के राकेश प्रजापति, रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव समेत कुम्हार समुदाय के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।


विधानसभा घेराव करने पहुंचे भारतीय समता समाज पार्टी के चार लोग

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज भाजपा की अगुआई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ हाथ मिलाने वाली भारतीय समता समाज पार्टी के चार लोग भी संविधान दिवस के मौके पर विधानसभा का घेराव करने लखनऊ पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें राष्ट्रीय लोक दल के कार्यालय से आगे बढ़ने नहीं दिया। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अंबिका प्रजापति, संजीव कुमार प्रजापति व अन्य लोग शामिल थे। भारतीय समता समाज पार्टी के लोग विधानसभा में पद्मश्री डॉ. रत्नप्पा भरमप्पा कुम्भार की मूर्ति प्रमुख रूप से लगाने की मांग कर रहे थे। साथ में उन्हें कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न के मुद्दे को भी उठाया। 

उत्तर प्रदेश में पिछले दो सालों के दौरान हुई 15 वारदातों में 19 कुम्हारों की हत्याओं का विवरण

(1) 14 जनवरी 2020    जौनपुर में लेखपाल अनिल प्रजापति की हत्या,      घटनाः ग्राम- बगेरवां (बम्बावन), थाना-केराकत, जिला जौनपुर, निवासीः ग्राम-मिर्जापुर देवगांव, थाना-देवगांव कोतवाली, लालगंज, जिला आजमगढ़।

(2) 17-18 जून 2020        मैनपुरी में कुम्हार परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाया गया,   राम बहादुर प्रजापति, सरला देवी, संध्या प्रजापति उर्फ रोली, शिखा प्रजापति, ऋषि प्रजापति की सामुहिक हत्या, घटना स्थलः माधोनगर मोहल्ला, खरपरी गांव, मैनपुरी।

(3) 13 जुलाई 2020         जौनपुर में चंदन प्रजापति की हत्या,          निवासीः ग्राम कुसवा, तहसील- केराकत, थाना- जलालपुर, जिला- जौनपुर।

(4) 25 सितंबर 2020          महराजगंज में ग्राम प्रधान के पिता श्रीनंद प्रजापति की हत्या,    निवासीः ग्राम- विसोखोर, थाना- के कोठीभार, जिला-महाराजगंज।।

(5) 31 जनवरी 2021        प्रतापगढ़ में छात्र लकी प्रजापति की हत्या,     निवासीः ग्राम- सराय सुजान सुजहा, थाना- मान्धाता, जिला- प्रतापगढ़।

(6)13 फरवरी, 2021          अमेठी में शुभम प्रजापति की हत्या,            निवासीः ग्राम- परसावा छोटा बेनीपुर, कोतवाली-अमेठी, जिला अमेठी पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति का भतीजा।

(7) 27 मई 2021                हमीरपुर में कर्ज से डूबे इंडियन बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र संचालक ओम प्रकाश प्रजापति की हत्या,                    निवासीः ग्राम कुरारा, जिला-हमीरपुर।

(8) 6 जून 2021            प्रयागराज में सोनी प्रजा­पति की हत्या,    निवासीः शांतिनगर, राजरूपपुर, प्रयागराज/इलाहाबाद।

(9) 13 जुलाई 2021          वाराणसी में प्लंबर कन्हैया लाल प्रजापति की दिन-दहाड़े हत्या,       निवासीः ग्राम- केराकतपुर, थाना लोहता, जिला-वाराणसी।

(10) 10 सितंबर 2021      गोरखपुर में विजय प्रजापति का फर्जी एनकाउंटर,         निवासीः ग्राम- जगदीशपुर भलुआन, थाना- गगहा, जिला गोरखपुर।

(11) 30 सितंबर 2021            गोरखपुर में वेटर मनीष प्रजापति की हत्या,          स्थान- मॉडल शॉप, थाना- रामगढ़ ताल, जिला गोरखपुर, पिता का नाम- श्रवण प्रजापति, ग्राम- पनगढ़ी, जिला- रिवा, राज्य-मध्य प्रदेश।

(12) 13 अक्टूबर 2021          कौशाम्बी में किसान देवराज प्रजापति की हत्या,         निवासीः ग्राम- बिशारा, थाना-कोखराज, जिला-कौशाम्बी।

(13) 25 अक्टूबर 2021,            लखनऊ स्थित जिला कारागार में रुपेश कुमार प्रजापति की हत्या,    निवासीः पुत्र मेवालाल प्रजापति, ग्राम-जलालपुर, थाना-बिसवा, जिला-सीतापुर।

(14) 9-10 नवम्बर 2021       मेरठ में फाइनेंसर सचिन प्रजापति (35) की हत्या         निवासीः पुत्र- नरेश प्रजापति, ग्राम- रोशनपुर डौरली, थाना- पल्लवपुरम्, जिला-मेरठ।

सचिन का शव रखकर आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क जाम करने पर कुम्हार समुदाय के 25 लोगों पर पुलिस ने दर्ज की एफआईआर।

(15) 22 नवम्बर 201   बांदा में तिंदवारी थाना क्षेत्र के परसौड़ा गांव में दिन-दहाड़े मोती लाल प्रजापति की हत्या   पताः पुत्र राम राज प्रजापति, ग्रामः परसौड़ा, थाना- तिंदवारी, जिला-बांदा। आरोपी रविकांत, कृष्णकांत, सुधीरकांत पुत्रगण लल्लन, ग्राम परसौड़ा।

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