गुरुवार, 27 अगस्त 2020

सोनभद्र में 64 परिवारों की बेदखली पर गरमाई राजनीति. भाजपा विधायक ने किया बस्ती का दौरा


रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के ग्राम पंचायत बहुअरा स्थित राज्य सरकार की भूमि पर दशकों से काबिज 64 परिवारों की बेदखली का मामला। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र के ग्राम पंचायत बहुअरा में राज्य सरकार की भूमि पर दशकों से काबिज 64 परिवारों की बेदखली के मुद्दे को लेकर सपा नेताओं संग ग्रामीणों के प्रदर्शन और ज्ञापन के बाद जिले की राजनीति गरमा गई है। भाजपा नेता और घोरावल विधायक डॉ. अनिल कुमार मौर्य ने बृहस्पतिवार को विवादित बस्ती का दौरा किया। उन्होंने बस्ती वालों को बस्ती नहीं उजड़ने का मौखिक आश्वासन दिया लेकिन विवादित भूमि को उनके नाम पट्टा कराकर उन्हें बेदखली से राहत देने की मांग पर खामोश रहे।

'वनांचल एक्सप्रेस' को मिली जानकारी के मुताबिक, बहुअरा की विवादित बस्ती में रहने वाले कुछ लोग बृहस्पतिवार को शाहगंज इलाके स्थित विधायक के आवास पर गए थे। उन्होंने विधायक से अपना दर्द बयां किया था। इसके बाद विधायक डॉ. अनिल कुमार मौर्य दोपहर बाद बहुअरा स्थित 64 परिवारों की विवादति बस्ती में उनसे मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने लोगों को बस्ती के नहीं उजड़ने का मौखिक आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। 

बता दें कि ग्राम पंचायत बहुअरा में वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग (एसएच5ए) से सटी उत्तर प्रदेश सरकार (एन.जेड.ए) की करीब 15 बीघा भूमि है। इसके करीब 11 बीघा रकबे में 64 परिवारों की घनी बस्ती बसी शेष है। शेष भूमि परती है। इस 15 बीघा भूमि का प्रबंधन मीरजापुर नहर प्रखंड के पास है। वाराणसी (स्नातक खण्ड) विधान परिषद के पूर्व सदस्य और भाजपा विधायक दल के पर्व मुख्य सचेतक केदार नाथ सिंह ने गत 18 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस 15 बीघा भूमि को खाली कराने का अनुरोध किया था। इसके लिए उन्होंने पत्र में बाहर से आकर मुस्लिम समुदाय द्वारा अतिक्रमण करने की बात का हवाला दिया था। 

उनके पत्र पर सोनभद्र प्रशासन ने मामले की जांच कराई जिमसें विवादित भूमि पर 64 परिवारों की घनी बस्ती होने की बात जांच रिपोर्ट में आई। बाद में मीरजापुर नहर प्रखंड के जिलेदार (द्वितीय) ने कोरोना संकट के दौर में गत 19 जून को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा था। ग्रामीणों ने गत 26 जून को अपना जवाब जिलेदार (द्वितीय) को भेज दिया था।  उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधीन मिर्जापुर नहर प्रखंड ने उनके दावे को खारिज कर दिया है और उनकी बेदखली का आदेश प्राप्त करने के लिए उप-जिला मजिस्ट्रेट (SDM) के पास जाने की तैयारी कर रहा है।

'वनांचल एक्सप्रेस' ने इस मुद्दे पर पिछले दिनों एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसके बाद वाराणसी (स्नातक खण्ड) विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी संजीव सिंह ने मीरजापुर नहर प्रखण्ड की ओर से जारी नोटिस को वापस लेने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने भाजपा के पूर्व एमएलसी केदार नाथ सिंह के विधायक निधि से बेटे और बहू को लाभ पहुंचाने के आरोप की जांच कराने  की मांग भी की थी। वहीं, वाराणसी स्थित मानवाधिकार जन निगरानी समिति के संयोजक लेनिन रघुवंशी ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को पत्र भेजकर मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल गत 21 अगस्त को बहुअरा स्थित विवादित स्थल पहुंचकर ग्रामीणों से जानकारी ली थी। सपा जिलाध्यक्ष विजय यादव की अगुआई में सपा का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को बेदखल होने वाले बहुअरा के ग्रामीणों के साथ सोनभद्र के जिलाधिकारी से मिला था और उन्हें ज्ञापन देकर ग्रामीणों को उनके पुस्तैनी आवास से बेदखल नहीं करने का अनुरोध किया था। 

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