बुधवार, 3 सितंबर 2014

एसडीएम के संरक्षण में किसानों से हो रही अवैध वसूली

कम्प्यूटराइज्ड खतौनी के नाम पर हर महीने किसानों से हो रही 50 हजार रुपये से ज्यादा की अवैध वसूली। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र। रॉबर्ट्सगंज(सदर) तहसील में कम्प्यूटराइज्ड उद्धरण खतौनी के नाम पर किसानों से अवैध वसूली का खेल जारी है। परिसर स्थित कम्यूटराइज्ड उद्धरण खतौनी काउंटर पर तैनात लेखपाल एसडीएम समेत तहसील के आलाधिकारियों के संरक्षण में हर महीने किसानों से लाखों रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं जिससे खरीफ के मौसम में उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। वे अब तहसील प्रशासन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के मुड में हैं। 

दरअसल, सदर तहसील की उद्धरण खतौनी काउंटर पर कार्यरत लेखपाल विनोद कुमार दुबे और उसके सहयोगी हर दिन की तरह गत 30 जून को भी किसानों को लूट रहे थे। दरअसल, वे शासन की ओर से निर्धारित प्रति खतौनी 15 रुपये की जगह किसानों से 20 रुपये वसूल रहे थे। किसानों द्वारा अधिक धनराशि वसूले जाने का विरोध करने पर वे उनसे आवेदन-पत्र पर लेखपाल और कानूनगो की रिपोर्ट लगावा कर लाने की बात कह कर शासन द्वारा निर्धारित दर पर खतौनी देने से मना कर दे रहे थे। हालांकि उनके द्वारा मांगी गई प्रति खतौनी 20 रुपये की धनराशि देने पर वह बिना लेखपाल और कानूनगो की रिपोर्ट के ही वे किसानों को खतौनी मुहैया करा रहे थे।

कंप्यूटराइज्ड कक्ष में अपने चहेतों को खतौनी देते
काउंटर पर तैनात लेखपाल विनोद कुमार दुबे।
सदर तहसील के क्षेत्र के हर्रा गांव निवासी केवल प्रसाद गत 30 जून को उद्धरण खतौनी काउंटर पर कार्यरत लेखपाल विनोद कुमार दुबे से 10 खतौनी लिए जिसमें उनके नाम की खतौनी भी शामिल थी। इसके एवज में विनोद कुमार दुबे ने उनसे कुल दो सौ रुपये वसूले जबकि शासन के तहत निर्धारित कुल धनराशि 150 रुपये ही हुई। इसी तहसील क्षेत्र के कोटा गांव निवासी परिसिद्धन और बटेश्वर प्रसाद को अपनी खतौनियों के लिए विनोद कुमार दुबे को प्रति खतौनी 20-20 रुपये अदा करने पड़े। 

काउंटर पर कार्यरत विनोद कुमार दुबे को वनांचल एक्सप्रेसकी टीम की जानकारी हुई तो वह तुरंत किसानों को 15 रुपये प्रति खतौनी की दर से खतौनी मुहैया कराने लगे। हालांकि जब वह आश्वस्त हो गए कि टीम तहसील परिसर से जा चुकी है तो वह फिर किसानों से 20 रुपये प्रति खतौनी की दर से खतौनी किसानों को देने लगे।  वनांचल एक्सप्रेसकी टीम गत 2 जुलाई को भी सदर तहसील स्थित कम्प्यूटराइज्ड खतौनी काउंटर से बिकने वाली खतौनी के दर की पड़ताल की। अपनी पड़ताल में टीम ने पाया कि काउंटर पर कार्यरत विनोद कुमार दुबे और उनके सहयोगी लेखपाल प्रति खतौनी 20 रुपये की दर से किसानों को खतौनी मुहैया करा रहे हैं। 

सदर तहसील क्षेत्र के परसोई गांव निवासी किसान शोभनाथ पुत्र बब्बन (खतौनी क्रमांक संख्या-1100) और विजय कुमार पुत्र हरिप्रसाद (खतौनी क्रमांक संख्या-1065) ने भी प्रति खतौनी 20 रुपये की दर से खतौनी प्राप्त करने की बात स्वीकार की। रॉबर्ट्सगंज नगर स्थित न्यू कॉलोनी निवासी आशीष कुमार और गोविन्द सिंह ने भी 20 रुपये में एक खतौनी दिए जाने की बात कही।
सूत्रों की मानें तो खतौनी के इस गोरखधंधे में हर दिन औसतन पांच हजार रुपये की अवैध कमाई होती है जो तहसील में कार्यरत कुछ लेखपालों और अधिकारियों के बीच बंटता है। इस वजह से उद्धरण खतौनी काउंटर के चार्ज के लिए लेखपालों के बीच होड़ लगी रहती है। ऐसी ही कुछ होड़ रजिस्ट्रार कानूनगो के बीच भी होती है।

इस संबंध में वनांचल एक्सप्रेसने पिछले दिनों जब सदर तहसीलदार योगेन्द्र कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने ऐसी किसी भी प्रकार की अवैध वसूली से साफ इंकार किया। जब उनसे मामले की तत्काल जांच कराने की बात कही गई तो उन्होंने उद्धरण खतौनी काउंटर के प्रभारी रजिस्ट्रार कानूनगो अनिल श्रीवास्तव को मौके पर भेजा। वहां अनिल श्रीवास्तव ने उद्धरण खतौनी काउंटर से खतौनी लेने वाले किसानों से प्रति खतौनी की दर की जानकारी ली, जिसमें सभी किसानों ने प्रति खतौनी 20 रुपये की दर से खतौनी लेने की बात स्वीकार की। इसके बावजूद उद्धरण खतौनी पर कार्यरत कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

इसके बाबत जब तहसीलदार योगेन्द्र कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कर्मचारी को रंगे हाथ नहीं पकड़ा गया, इसलिए उसके खिलाफ निलंबन अथवा बर्खास्तगी की कार्रवाई नहीं की जा सकती है। फिलहाल उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हालांकि नोटिस की प्रति मांगने पर उन्होंने इसे देने से इंकार कर दिया। 

सूत्रों की मानें तो रजिस्ट्रार कानूनगो की रिपोर्ट पर तहसीलदार योगेंद्र कुमार सिंह ने 18 जनवरी, 2014 को लिखित पत्र के माध्यम से कंप्यूटराइज्ड उद्धरण खतौनी काउंटर पर कार्यरत लेखपालों के स्थान पर लेखपाल चन्दन कुमार शर्मा, सुदीप कुमार श्रीवास्तव और राजीव कुमार कुशवाहा को कार्यभार दिए जाने की संस्तुति उप जिलाधिकारी, सदर राजेंद्र प्रसाद तिवारी से की थी लेकिन अभी तक उस पत्र का संज्ञान नहीं लिया गया है। 

इस बारे में जब उप-जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्हें ऐसी किसी भी कार्रवाई से साफ मना कर दिया। हालांकि उन्होंने उद्धरण खतौनी काउंटर से 20 रुपये प्रति खतौनी की दर से किसानों को खतौनी दिए जाने की बात स्वीकार की। उन्होंने इस संबंध में संबंतधित अधिकारियों को फटकार लगाने की बात कही। अब सवाल उठता है कि जब संबंधित कर्मचारी किसानों से अवैध वसूली में लिप्त हैं तो फिर एसडीएम उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे।

उधर बसपा नेता रमेश कुशवाहा ने राजस्वकर्मियों द्वारा किसानों से की जा रही अवैध वसूली के लिए सपा सरकार को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की वजह से कर्मचारियों में कोई भय नहीं है। उन्होंने कंप्यूटर खतौनी काउंटर पर कार्यरत लेखपालों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। साथ ही उन्होंने लिखित रूप में इस पूरे प्रकरण से जिलाधिकारी समेत राज्यपाल को अवगत कराने की बात कही। 

जनता दल (युनाइटेड) के जिलाध्यक्ष राम भरोसे ने कहा कि एसडीएम और तहसीलदार की मिलीभगत से किसानों से अवैध वसूली रही है। यह धनराशि लेखपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक बंटती है। राज्य सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी है। फिलहाल संबंधित लेखपालों को जल्द से जल्द बर्खास्त किया जाना चाहिए जिससे किसानों को राहत मिल सके। 

कंप्यूटराइज्ड खतौनी के नाम पर किसानों से अवैध वसूली को भाकपा (माले) नेता ओम प्रकाश सिंह ने जनविरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द किसानों से अवैध वसूली बंद होनी चाहिए और संबंधित लेखपालों को बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने किसानों को मुफ्त खतौनी दिए जाने की मांग की। 

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी ने खतौनी के नाम पर किसानों से हो रही अवैध वसूली को तत्काल बंद किए जाने की बात कही। उन्होंने संबंधित लेखपालों और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।


(नोटः हिन्दी साप्ताहिक समाचार-पत्र वनांचल एक्सप्रेस के 21वें अंक(06 से 12 जुलाई, 2014) में प्रकाशित।)

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