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रविवार, 20 सितंबर 2020

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर विशेषः COVID-19 से उपजी वैश्विक महामारी में दम तोड़ती संयुक्त राष्ट्र संघ की 'थीम'

दुनिया में धुव्रीकरण अशांति का निमंत्रण है। जब-जब शक्ति का ध्रुवीकरण हुआ है, दुनिया में संघर्ष और अशांति बढ़ी है। चाहे प्रथम विश्व युद्ध रहा हो या किसी दो पड़ोसी देशों का युद्ध या भारत जैसे देश में जातीय संरचना में किसी जाति के अंदर सामाजिक शक्ति का ध्रुवीकरण। सभी ने युद्ध, अशांति, शोषण, आदि को बढ़ावा दिया है। आज भी ध्रुवीकरण जारी है। स्थापित महाशक्ति को नवोदित महाशक्ति चुनौती दे रही है। क्या संयुक्त राष्ट्र संघ की “Shaping Peace Together” वाली अवधारणा अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल हो पाएगी?

written by अच्छे लाल प्रजापति

ज 21 सितंबर है। दुनिया भर में आज 'अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस' मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 'चौबीस घंटे अहिंसा और संघर्ष विराम के माध्यम से शांति के आदर्शों की प्राप्ति हेतु' इसे घोषित किया है। आज से करीब 40 साल पहले 1981 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाने का निर्णय लिया था और 2001 तक 'विश्व शांति दिवस' के लिए सितंबर महीने का तीसरा मंगलवार तय किया जाता रहा। लेकिन, 2002 में इसके लिए 21 सितम्बर का दिन निर्धारित किया गया। आज विश्व कोरोना वायरस COVID-19 से उपजी वैश्विक महामारी के संकट से जूझ रहा है। इसने यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल मानव ही मानव का दुश्मन नहीं है। हम आपस में जिसके लिए लड़ रहे हैं, उसे एक छोटा सा वायरस कभी भी हमसे छीन सकता है। हमारा स्वास्थ्य, हमारी सुरक्षा, हमारा जीवन सभी खतरे में है।